बिना अनुमति के खजाने से रुपये नहीं निकाल सकेंगे
पटना: चालू वित्तीय वर्ष के समाप्त होने की वजह से मार्च में पैसे के खर्च की रफ्तार अचानक काफी बढ़ जाती है. इससे राज्य के खजाने में पैसे का संतुलन बिगड़ सकता है. इससे बचने के लिए वित्त विभाग ने सभी विभागों को मंगलवार को एक सकरुलर जारी किया है. इसके तहत विभागों को निर्देश […]
पटना: चालू वित्तीय वर्ष के समाप्त होने की वजह से मार्च में पैसे के खर्च की रफ्तार अचानक काफी बढ़ जाती है. इससे राज्य के खजाने में पैसे का संतुलन बिगड़ सकता है. इससे बचने के लिए वित्त विभाग ने सभी विभागों को मंगलवार को एक सकरुलर जारी किया है. इसके तहत विभागों को निर्देश दिया गया है कि राज्य के खजाने से तभी पैसे की निकासी की जाये, जब इसकी अत्यंत आवश्यकता हो. साथ ही उतने ही पैसे निकाले जायें, जितने 31 मार्च तक खर्च हो सकते हैं.
योजना मद में एक करोड़ से अधिक की राशि निकालने के लिए पहले वित्त विभाग की अनुमति ली जाये. इस संबंध वित्त विभाग के प्रधान सचिव रामेश्वर सिंह ने सभी विभागों के प्रधान सचिव-सचिव को पत्र लिखा है. हालांकि ट्रेजरी से रुपये निकालने की यह रोक वेतन, मानदेय और पेंशन के मामले में लागू नहीं होंगे.
इसके अनुसार, एक करोड़ से कम रुपये निकालने की स्थिति में ये रुपये उन्हीं बैंक खातों में रखे जायेंगे, जो राज्य सरकार के आदेश पर खोले गये हैं. पैसे को निकाल कर किसी भी हालत में बैंक खाता में नहीं नहीं रखना है. बड़ी रकम निकालने के लिए पहले विभागों को इसका विस्तृत विवरण वित्त विभाग को बताना होगा. कोई विभाग पीएल खाता में रुपये रख सकते हैं, लेकिन पीएल खाता से निकाल कर इसे किसी बैंक के खाता में नहीं रखना है. हर विभाग को वित्त विभाग को यह स्पष्ट सूचना देनी होगी कि उसने किस बैंक खाते में कितने रुपये रखे हैं.
गैर योजना मद में एसी विपत्र या प्रोफार्मा इनवायस पर किसी तरह की निकासी ट्रेजरी से नहीं की जा सकती है. वित्त विभाग ने लंबे समय तक बैंकों में रुपये जमा नहीं रखने का सख्त आदेश दिया है.अगर यात्र भत्ता, वाहन का ईंधन और रख-रखाव जैसे गैर-योजना व्यय के लिए वार्षिक आवंटन के 20 प्रतिशत की सीमा में ही ट्रेजरी से रुपये निकाले जा सकते हैं. 25 मार्च के बाद वैसे बिल ही स्वीकार किये जायेंगे, जिनके लिए तृतीय अनुपूरक में प्रावधान करके इसे पास कराया गया हो.