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कहीं फिर डूब न जाये शहर
पटना: बारिश में तीन माह शेष है. राजधानी के तीन बड़े संप हाउस का निर्माण नहीं हुआ, तो पटना फिर से जलमग्न होगा. पटना के सिवरेज और पहाड़ी, सैदपुर व बेऊर सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण कराया जाना है. जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण पिछली बारिश में पटना के कई […]
पटना: बारिश में तीन माह शेष है. राजधानी के तीन बड़े संप हाउस का निर्माण नहीं हुआ, तो पटना फिर से जलमग्न होगा. पटना के सिवरेज और पहाड़ी, सैदपुर व बेऊर सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण कराया जाना है. जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण पिछली बारिश में पटना के कई मुहल्ले जलमग्न थे.
जलजमाव के कारण नगर विकास एवं आवास मंत्री को अपनी तीन बार विदेश यात्र रद्द करनी पड़ी थी. पटना को जलजमाव से मुक्त करने के लिए 1100 करोड़ की योजना की स्वीकृति दी गयी. केंद्र और राज्य सरकार का साझा कार्यक्रम तैयार किया गया. राज्य सरकार ने योजना को प्रशासनिक स्वीकृति भी दी. तीनों सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को अधिक क्षमता के निर्माण के लिए एक बार टेंडर भी जारी किया था. बाद में विश्वबैंक ने इसके दिशा निर्देशों में बदलाव का सुझाव दिया था. अभी तक तीनों सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निर्माण की दिशा में पहल नहीं की गयी है.
इधर,नगर विकास एवं आवास विभाग के उच्चधिकारियों ने पटना के सभी सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और नालों को निरीक्षण कर लिया है. सैदपुर,पहाड़ी और योगीपुर संप हाउस सही स्थिति में हैं. सैदपुर नाले की उड़ाही जल्द करा ली जायेगी. इसके अलावा एनबीसीसी के पंप हाउस के उपयोग की भी तैयारी की जा रही है.
विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने जलजमाव से निकासी के लिए अभी से ही सभी संबंधित विभागों के साथ समन्वय शुरू कर दिया है. उन्होंने बताया कि हर सोमवार को नगर विकास विभाग, पटना नगर निगम, राज्य जल पर्षद, एनबीसीसी और पीएचइडी के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक होगी.
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