संवाददाता, पटनावित्त विभाग के प्रधान सचिव रामेश्वर सिंह ने बिहार उन राज्यों में एक है, जिसने राजकोषीय प्रबंधन को गंभीरतापूर्वक लिया है. एफआरबीएम (फिसकल रिस्पांसबिलिटी एंड बजट मैनेजमेंट) एक्ट का सही मायने में लागू किया है. वित्तीय वर्ष 2015-16 में राजकोषीय घाटा 2.98 प्रतिशत अनुमानित किया गया है.विधानसभा में बजट पेश होने केे बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि यह राजकोषीय घाटा एफआरबीएम के तहत निर्धारित सीमा तीन प्रतिशत से कम है. हालांकि, उन्होंने कहा कि इस बार यह करीब तीन प्रतिशत के पहुंच गया है. वर्तमान में राजकोषीय घाटा 8.55 प्रतिशत प्रदर्शित हो रहा है, लेकिन वर्ष के अंतिम महीने में यह तीन प्रतिशत के अंदर आ जायेगा. उन्होंने कहा कि राज्य में जो वित्तीय हालात बन रहे हैं. इसके मद्देनजर रिजर्व बैंक से एफआरबीएम की सीमा तीन से बढ़ा कर चार प्रतिशत करने की अनुशंसा की जायेगी. इससे राज्य का बजट आकार बढ़ाने और संतुलित बजट पेश करने में मदद मिलेगी. राज्य को अपने आय के स्रोत बढ़ाने का भी मौका मिलेगा. गौरतलब है कि एफआरबीएम एक्ट के अनुसार, किसी राज्य का राजकोषीय घाटा उसके सकल घरेलू उत्पाद का तीन प्रतिशत से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
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एफआरबीएम की सीम बढ़ाने का होगा अनुरोध
संवाददाता, पटनावित्त विभाग के प्रधान सचिव रामेश्वर सिंह ने बिहार उन राज्यों में एक है, जिसने राजकोषीय प्रबंधन को गंभीरतापूर्वक लिया है. एफआरबीएम (फिसकल रिस्पांसबिलिटी एंड बजट मैनेजमेंट) एक्ट का सही मायने में लागू किया है. वित्तीय वर्ष 2015-16 में राजकोषीय घाटा 2.98 प्रतिशत अनुमानित किया गया है.विधानसभा में बजट पेश होने केे बाद आयोजित […]
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