जोड़ वातानुकूलित माहौल…
पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि पटना में उपवास का राजनीतिक ड्रामा करने के बजाय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिलों में जा कर धान अधि प्राप्ति, डीजल अनुदान के वितरण, कृषि यांत्रिकरण और कृषि रोड-मैप की विफलता की समीक्षा करनी चाहिए. उन्हें बताना चाहिए कि पिछले दो वर्षों में बिहार के किसानों […]
पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि पटना में उपवास का राजनीतिक ड्रामा करने के बजाय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिलों में जा कर धान अधि प्राप्ति, डीजल अनुदान के वितरण, कृषि यांत्रिकरण और कृषि रोड-मैप की विफलता की समीक्षा करनी चाहिए. उन्हें बताना चाहिए कि पिछले दो वर्षों में बिहार के किसानों से धान खरीद तय लक्ष्य के अनुसार क्यों नहीं हो पाया? पिछले साल का किसानों का 100 करोड़ का बकाया भुगतान अब-तक क्यों नहीं हो पाया? उन्होंने पूछा है कि क्या मुख्यमंत्री का काम उपवास, हड़ताल और सड़कों पर धरना-प्रदर्शन करना होता है? किसानों को ले कर घडि़याली आंसू बहाने वाले नीतीश जी को बताना चाहिए कि सूबे में धान खरीद को ले कर अराजकता की स्थिति क्यों है? पैक्सों के जरिये 24 लाख मीटरिक टन धान खरीद के लक्ष्य के विरुद्ध चार माह में मात्र 11 लाख मीटरिक टन धान की ही खरीद क्यों हो पायी? बोनस के लिए आवंटित 500 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में ही क्यों पड़े हैं?