जिसमें कभी पढ़ते थे राजेंद्र प्रसाद उसे बचाने उपवास पर बैठे बच्चे
पटना: जहां देश के प्रथम राष्ट्रपति ने पढ़ाई की,उस ऐतिहासिक विद्यालय की स्थिति जजर्र है. विद्यालय का भवन नाम मात्र का रह गया है. पूरी बिल्डिंग टूट कर खंडहर में तब्दील हो चुकी है. इससे यहां पढ़नेवाले बच्चों की संख्या भी 100 से 150 रह गयी है. टीके घोष अकादमी राजकीय उच्च विद्यालय कुछ इसी […]
पटना: जहां देश के प्रथम राष्ट्रपति ने पढ़ाई की,उस ऐतिहासिक विद्यालय की स्थिति जजर्र है. विद्यालय का भवन नाम मात्र का रह गया है. पूरी बिल्डिंग टूट कर खंडहर में तब्दील हो चुकी है. इससे यहां पढ़नेवाले बच्चों की संख्या भी 100 से 150 रह गयी है. टीके घोष अकादमी राजकीय उच्च विद्यालय कुछ इसी तरह से अब अपनी गरिमा खो रहा है. इसकी गरिमा को बचाने के लिए स्कूली बच्चे आवाज उठा रहे हैं. शनिवार को कुछ इसी सोच के साथ स्कूल के करीब 25-30 छात्रों ने उपवास रख भवन बनाने की मांग की.
धूप में बैठ करते हैं पढ़ाई
स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया ने स्कूल के जजर्र भवन की मरम्मत व सरकार द्वारा जमीन अधिग्रहण मामले पर एक दिवसीय उपवास रखा. इसमें स्कूली बच्चों ने स्कूल निर्माण कराने की मांग रखी. आठवीं व नवमीं कक्षा के छात्र-छात्रओं सोनू, पिंकी, मनीषा, शैलेश व विशाल कुमार ने बताया कि विद्यालय का भवन पूरी तरह टूट चुका है. ऐसे में भवन का छत कभी भी गिर सकता है. इस डर से बच्चे मैदान में धूप में पढ़ाई करने को मजबूर हैं. इस कारण आधे से अधिक बच्चे अब स्कूल भी नहीं आ रहे हैं.
इन महान व्यक्तियों ने की है पढ़ाई
डॉ राजेंद्र प्रसाद, डॉ सच्चिदानंद सिन्हा, डॉ विधानचंद राय, डॉ हसन इमाम, अब्दुल बारी, प्रोफेसर शिवचंद आदि.
भू-माफिया जमीन हड़पने की कर रहे साजिश
संघ के महासचिव विजय भारती ने बताया कि कई वर्षो से स्कूल भवन के लिए आंदोलन जारी है. शिक्षा विभाग ने छह करोड़ दो लाख रुपये की राशि भी आवंटित की है. इसके तहत भवन निर्माण कार्य भी शुरू कराया गया. इस बीच भू-माफि या व असामाजिक तत्वों ने जमीन हड़पने के उद्देश्य से सिविल कोर्ट द्वारा विद्यालय के भवन निर्माण पर रोक लगा दिया गया है. इससे विद्यालय में पठन-पाठन कार्य में परेशानी हो रही है. विद्यालय के जमीन पर सरकार द्वारा अधिग्रहण किये जाने के बाद भी भवन निर्माण नहीं हो रहा है. मौके पर फेडरेशन के अध्यक्ष दीपक वर्मा व सीपीआइएम के मनोज समेत अन्य उपस्थित रहें.