बिजली किस दर पर खरीदी की गयी है. सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद नियामक आयोग तय करता है कि उसकी क्या कीमत होनी चाहिए. बिजली दर में बढ़ोतरी समय-समय पर जरूरी होती है. विद्युत विनियामक बोर्ड को लगा कि बढ़ोतरी की जानी चाहिए तो उसने बढ़ोतरी की. इसमें राज्य सरकार का कोई निर्णय नहीं है.
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बिजली दर में वृद्धि पर गरमायी राजनीति, बढ़ोतरी पर सरकार का नियंत्रण नहीं
पटना: बिजली दर में बढ़ोतरी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होता है. विद्युत विनियामक आयोग तय करता है कि इसमें कितनी बढ़ोतरी करनी है. जो भी बिजली वितरित करनेवाली कंपनी है, अपना प्रस्ताव रखती है कि उसका जेनरेशन पर क्या खर्च पड़ता है. बिजली किस दर […]
पटना: बिजली दर में बढ़ोतरी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होता है. विद्युत विनियामक आयोग तय करता है कि इसमें कितनी बढ़ोतरी करनी है. जो भी बिजली वितरित करनेवाली कंपनी है, अपना प्रस्ताव रखती है कि उसका जेनरेशन पर क्या खर्च पड़ता है.
मामूली वृद्धि की चिंता नहीं : सिद्दीकी
पटना. विद्युत विनियामक बोर्ड द्वारा राज्य में बिजली दर में की गयी वृद्धि को लेकर राजद विधायक दल के नेता अब्दुलबारी सिद्दीकी ने कहा कि अगर इसमें वृद्धि नहीं की जाती तो बहुत अच्छा था. पर बिजली दर का निर्धारण सरकार नहीं बल्कि विनियामक बोर्ड द्वारा किया जाता है. इसमें निजी कंपनी और बाजार के अनुसार दर का निर्धारण किया जाता है. उन्होंने बताया कि मामूली बिजली दर में वृद्धि को लेकर लोगों को बहुत चिंता नहीं होती. इसकी वजह है कि जनता को अब बिजली लगातार मिल रही है. बिना बिजली दिये अगर दर में वृद्धि की जाती तो चिंता का विषय होता.
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