इस वित्तीय वर्ष में राज्य ने 28 हजार 744 करोड़ रुपये टैक्स कलेक्शन करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन 18 हजार 574 करोड़ रुपये यानी करीब 65 प्रतिशत ही जमा हो पाये हैं. इसी तरह केंद्र (टैक्स शेयर और ग्रांट) से प्राप्त होने वाले 73 हजार 194 करोड़ रुपये में 52 हजार 175 करोड़ रुपये यानी 71 प्रतिशत ही प्राप्त हुए हैं. इसमें करीब 12 हजार करोड़ की कटौती की संभावना है, लेकिन सही स्थिति 31 मार्च तक प्राप्त हुए किस्त के बाद ही स्पष्ट हो पायेगी. राज्य के खजाने में अभी करीब पांच हजार करोड़ रुपये हैं.
योजना मद में खर्च की रफ्तार तेज रही, तो राज्य आमदनी जुटाने के साधन भी बढ़ाने की जुगत तेज करनी पड़ेगी. आंतरिक स्नेत से टैक्स कलेक्शन की वर्तमान रफ्तार के मद्देनजर यह स्पष्ट हो गया है कि निबंधन विभाग में करीब 300 करोड़, उत्पाद विभाग में करीब 200 करोड़ और वाणिज्य कर विभाग में करीब 300 करोड़ रुपये का शॉर्ट फॉल यानी संबंधित विभागों में निर्धारित लक्ष्य से टैक्स संग्रह कम होने की उम्मीद है. 28 हजार 744 करोड़ में करीब 800 करोड़ रुपये टैक्स संग्रह कम होने की उम्मीद है.