जिस तेजी से हो रहा खर्च, उस तेजी से नहीं आ रहे पैसे
पटना: राज्य का चालू वित्तीय वर्ष 2014-15 मार्च 31 को समाप्त हो जायेगा. इस वर्ष राज्य में रुपये खर्च करने की रफ्तार काफी अच्छी है. गैर-योजना के साथ-साथ योजना मद में भी अब तक 60 फीसदी से ज्यादा रुपये खर्च हो चुके हैं. गैर-योजना मद में अब तक करीब 66 प्रतिशत रुपये खर्च हो चुके […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
March 17, 2015 7:19 AM
पटना: राज्य का चालू वित्तीय वर्ष 2014-15 मार्च 31 को समाप्त हो जायेगा. इस वर्ष राज्य में रुपये खर्च करने की रफ्तार काफी अच्छी है. गैर-योजना के साथ-साथ योजना मद में भी अब तक 60 फीसदी से ज्यादा रुपये खर्च हो चुके हैं. गैर-योजना मद में अब तक करीब 66 प्रतिशत रुपये खर्च हो चुके हैं. परंतु रुपये संग्रह (आंतरिक टैक्स कलेक्शन, केंद्रीय अनुदान और टैक्स शेयर) की रफ्तार में उतनी तेजी नहीं है. केंद्र से मिलने वाले ग्रांट और टैक्स शेयर में पहले से ही कटौती की बात स्पष्ट हो चुकी है, लेकिन राज्य के आंतरिक टैक्स कलेक्शन स्नेत में भी कटौती की संभावना है.
इस वित्तीय वर्ष में राज्य ने 28 हजार 744 करोड़ रुपये टैक्स कलेक्शन करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन 18 हजार 574 करोड़ रुपये यानी करीब 65 प्रतिशत ही जमा हो पाये हैं. इसी तरह केंद्र (टैक्स शेयर और ग्रांट) से प्राप्त होने वाले 73 हजार 194 करोड़ रुपये में 52 हजार 175 करोड़ रुपये यानी 71 प्रतिशत ही प्राप्त हुए हैं. इसमें करीब 12 हजार करोड़ की कटौती की संभावना है, लेकिन सही स्थिति 31 मार्च तक प्राप्त हुए किस्त के बाद ही स्पष्ट हो पायेगी. राज्य के खजाने में अभी करीब पांच हजार करोड़ रुपये हैं.
योजना मद में खर्च की रफ्तार तेज रही, तो राज्य आमदनी जुटाने के साधन भी बढ़ाने की जुगत तेज करनी पड़ेगी. आंतरिक स्नेत से टैक्स कलेक्शन की वर्तमान रफ्तार के मद्देनजर यह स्पष्ट हो गया है कि निबंधन विभाग में करीब 300 करोड़, उत्पाद विभाग में करीब 200 करोड़ और वाणिज्य कर विभाग में करीब 300 करोड़ रुपये का शॉर्ट फॉल यानी संबंधित विभागों में निर्धारित लक्ष्य से टैक्स संग्रह कम होने की उम्मीद है. 28 हजार 744 करोड़ में करीब 800 करोड़ रुपये टैक्स संग्रह कम होने की उम्मीद है.
इस तरह आंतरिक टैक्स संग्रह में लक्ष्य से करीब 30 फीसदी का शॉर्ट फाल रहेगा. आंतरिक टैक्स में वाणिज्य कर, उत्पाद कर, निबंधन कर समेत अन्य टैक्स मद से 25 हजार 662 करोड़ रुपये जमा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन 17 हजार 250 करोड़ रुपये ही जमा हो पाये हैं. इसके अलावा नन-टैक्स मद से तीन हजार 81 करोड़ जमा करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें एक हजार 323 करोड़ ही जमा हुए हैं.
नहीं मिले केंद्र से 21 हजार करोड़
केंद्र की तरफ से टैक्स शेयर मद में 41 हजार 775 करोड़ रुपये मिलने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन अभी तक 34 हजार 174 करोड़ रुपये यानी 81 प्रतिशत प्राप्त हुए हैं. इसी तरह विभिन्न योजनाओं में केंद्रीय ग्रांट के तहत 31 हजार 419 करोड़ रुपये मिलना है, जिसमें 18 हजार करोड़ यानी 57 प्रतिशत ही प्राप्त हुए है. इस तरह दोनों को मिला कर कुल 73 हजार 194 करोड़ रुपये में 52 हजार 175 करोड़ रुपये अभी तक मिले हैं और 21 हजार 19 करोड़ रुपये केंद्र से नहीं मिल पाये हैं.