फुलवारी सं / संपतचक फॉलोअप
छोटी बेटी की उठी अरथी दूसरी पहुंची जेल दो दिनों से पड़ोसियों के घर में भी नहीं जला चूल्हा गांव में पसरा मातमफुलवारीशरीफ . एक तरफ एक बेटी की उठी अरथी तो दूसरी बेटी पहुंची जेल. जिस लार- प्यार से दो बेटियों को पाला-पोशा था और पढ़ा लिखा कर शादी करने की तमन्ना पाल रखी […]
छोटी बेटी की उठी अरथी दूसरी पहुंची जेल दो दिनों से पड़ोसियों के घर में भी नहीं जला चूल्हा गांव में पसरा मातमफुलवारीशरीफ . एक तरफ एक बेटी की उठी अरथी तो दूसरी बेटी पहुंची जेल. जिस लार- प्यार से दो बेटियों को पाला-पोशा था और पढ़ा लिखा कर शादी करने की तमन्ना पाल रखी थी, लेकिन पल भर में ही चूर हो गया दो बेटियों की मां लीला रानी और पिता अखिलेश राय का यह सपना. मां बार -बार चीत्कार कर भगवान से पूछती है कि है की कौन कसूरवा कईली ये भगवान की घरवा अईसन लीला देखईला हे . इतना कह कर अलका और प्रियंका की मां चीत्कार कर उठती हंै. मामला राजधानी के गोपालपुर थाने में मनोहरपुर कछुआरा की है. एक दिन पूर्व तक जिस घर में दो बहनों की अठखेलियां से सारा घर आंगन पुलिकत रहता था. उसी घर में आज चीत्कार और मातम पसरा हुआ था. जब कोई संबंधी घर पहुंचाता है , तो चीत्कार की गूंज से सारा गांव दहल उठता है. घर की छोटी लाडली अलका की अरथी उठी, तो पिता असमंजस में पड़ गये कि छोटी बेटी की अरथी को कंधा दें या बड़ी बेटी को जेल जाने से रोकने का उपाय करें . जिस बेटी को डोली में विदा करने का सपना संजोये थे आज उसी बेटी की अरथी को बंधा देने और एक बेटी को जेल जाते हुए देख कर बेबस और विवश थे माता-पिता. पिता के सामने एक तरफ कुएं तो पीछे खाई वाली बात हो गयी है . अब वह बेटी के हत्यारे की पैरवी करें कि दूसरी बेटी को सजा दिलाने के लिए पैरवी करें. वहीं ,भाई भोली एक बहन की हत्या और एक को जेल जाने के कारण अपना सुध- बुध खो बैठा है .