36 लाख लोगों ने सौंपे जमीन से जुड़े कागजात
राज्य में चल रहे जमीन सर्वे के लिए करीब 36 लाख लोगों ने प्रपत्र-2 भरकर स्वघोषणा दी है. इसमें करीब 25 लाख स्वघोषणा को सर्वे शिविरों में जाकर यानी ऑफलाइन और करीब 11 लाख ऑनलाइन दी गई है.
संवाददाता, पटना राज्य में चल रहे जमीन सर्वे के लिए करीब 36 लाख लोगों ने प्रपत्र-2 भरकर स्वघोषणा दी है. इसमें करीब 25 लाख स्वघोषणा को सर्वे शिविरों में जाकर यानी ऑफलाइन और करीब 11 लाख ऑनलाइन दी गई है. यह जानकारी शुक्रवार को राज्य के सभी बंदोबस्त पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की उच्च स्तरीय अधिकारियों की बैठक में सामने आयी. इस बैठक की अध्यक्षता विभाग के सचिव जय सिंह ने की. इस दौरान ऑफलाइन मोड में प्राप्त आवेदनों को शीघ्र ऑनलाइन करने का निर्देश बंदोबस्त पदाधिकारियों का दिया गया है. इस बैठक में प्रपत्र-5 यानी खतियान का सार लिखने के काम की भी समीक्षा की गयी. सभी जिला के 20526 मौजों में खतियान लिखने का काम शुरू किया गया है. इसमें 8737 मौजों में खतियान का सार यानी तेरीज लिखने का काम पूर्ण भी कर लिया गया है. खतियान लिखने के काम में तेजी लाने का निर्देश बंदोबस्त पदाधिकारियों को दिया गया. सर्वे की मॉनीटरिंग ठीक से नहीं करने पर गोपालगंज और पूर्वी चंपारण के बंदोबस्त पदाधिकारियों को नोटिस इस बैठक में राज्य में जमीन सर्वेक्षण का काम हो रहे 43041 राजस्व गांवों की समीक्षा की गई. इन सभी गांवों में सर्वेक्षण की घोषणा कर दी गयी है. इसमें से 42561 गांवों को ही निदेशालय की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है. बाकी 480 मौजों को अगले एक सप्ताह में अपलोड करने का निर्देश बंदोबस्त पदाधिकारियों को दिया गया. बैठक से स्पष्ट हुआ कि कुल मौजों में से 41333 मौजों में ग्रामसभा का आयोजन किया जा चुका है, लेकिन निदेशालय की वेबसाइट पर 37974 मौजों को ही अपलोड किया गया है. वेबसाइट पर अपलोड करने के बाद मौजा में हुई सभा का फोटो और कार्यवाही देखी जा सकेगी. बैठक में सभी बंदोबस्त पदाधिकारियों को बिहार सर्वे ट्रैकर एप की मदद से अपने कर्मियों के कार्यों का मूल्यांकन करने की निर्देश दिया गया. बिहार सर्वे ट्रैकर ऐप की मदद से अपने मोबाइल फोन के जरिए कोई भी रैयत अपने गांव में सर्वे की गतिविधियों की जानकारी प्राप्त कर सकता है और उसमें भाग ले सकता है. गोपालगंज और पूर्वी चंपारण में स्वघोषणा काफी कम संख्या में हुई है : सचिव जय सिंह ने बताया कि कुछ जिलों विशेषकर गोपालगंज और पूर्वी चंपारण में स्वघोषणा काफी कम संख्या में प्राप्त हुई है. वहां सर्वे की मॉनीटरिंग ठीक से नहीं की जा रही है. इसलिए वहां के बंदोबस्त पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस देने का निर्देश निदेशक, भू-अभिलेख एवं परिमाप को दिया गया है. क्या कहते हैं अधिकारी विभाग के सचिव जय सिंह ने कहा कि बिहार में भूमि सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त तय कार्यक्रम एवं प्रक्रिया के मुताबिक चल रहा है. कुछ निहित स्वार्थी तत्व बेवजह अफवाह फैला रहे हैं. आमलोगों को इसपर ध्यान देने की जरूरत नहीं है. अभी स्वघोषणा का काम प्रदेश के 445 अंचलों में चल रहा है. साथ ही सभी मौजों का तेरीज लिखने का काम जारी है. विभाग की कोशिश है कि लोग ऑनलाइन अपनी जमीन का ब्योरा यानी स्वघोषणा सर्वे निदेशालय की वेबसाइट dlrs.bihar.gov.in पर अपलोड करें.
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