नदियों की स्थिति पर हो चर्चा : राजेंद्र सिंह,सं

-फोटो -जल पुरुष ने धरना सभा को किया संबोधितसंवाददाता,पटना सूबे में पानी की अधिकता व कमी के कारण प्रदेश बाढ़ और सुखाड़ से जूझ रहा है. यदि इसका समय पर उपचार नहीं हुआ,तो बिहार बाढ़ में डूबता रहेगा और सुखाड़ में मरता भी रहेगा. बिहार का जलाधिकार सुनिश्चित करने के लिए नदियों का पर्यावरणीय व्यवहार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 18, 2015 10:03 PM

-फोटो -जल पुरुष ने धरना सभा को किया संबोधितसंवाददाता,पटना सूबे में पानी की अधिकता व कमी के कारण प्रदेश बाढ़ और सुखाड़ से जूझ रहा है. यदि इसका समय पर उपचार नहीं हुआ,तो बिहार बाढ़ में डूबता रहेगा और सुखाड़ में मरता भी रहेगा. बिहार का जलाधिकार सुनिश्चित करने के लिए नदियों का पर्यावरणीय व्यवहार तय करना पडे़गा. सरकार को चाहिए कि पानी के मुद्दे पर विधानमंडल में बहस करे. इससे समस्याएं सामने आयेंगी और उनका समाधान होगा. ये बातें जल पुरुष के रूप में विख्यात राजेंद्र सिंह ने कहीं. वह प्रदेश किसान संगठन और भारतीय स्वराज मंच के तत्वावधान में कारगिल चौक पर धरना को संबोधित कर रहे थे. गंगा और अन्य नदियों के अलावा पानी के अन्य स्रोत की बदतर स्थिति पर धरना के जरिये सरकार से मांग की गयी कि बिहार में पानी की स्थिति का अध्ययन हो. राजस्थान में सात नदियों को पुनर्जीवित करने वाले राजेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में भी नदियों को प्रवाह मिले, नहीं तो भू जल भंडार खत्म हो जायेगा. पानी के सवाल पर बिहार के किसान,मजदूर, युवा व समाजसेवियों को आगे आना होगा. समाजवादी नेता राम बिहारी सिंह ने कहा कि सरकार को प्रदेश के भविष्य और वर्तमान के मद्देनजर पानी के बारे में संवेदनशील होकर सोचना चाहिए. यदि ऐसा नहीं हुआ, तो स्थिति और बिगड़ती चली जायेगी. हम बाढ़ और सुखाड़ में अपना सब कुछ खोते रहेंगे.आंदोलन बिहार के कई राज्यों में चल रहा है. इसमें जल पुरुष के साथ वरीय पत्रकार भरत झुनझुनवाला और विधान पार्र्षद केदारनाथ पांडे भी शामिल हो चुके हैं. धरना को पंकज मालवीय व रवि उज्ज्वल समेत दर्जनों युवाओं ने भी संबोधित किया.

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