केंद्र से बिहार को पहले जितनी हिस्सेदारी मिलती थी, आज भी उतना ही मिल रहा
पटना. बिहार को केंद्र से जो हिस्सा मिलता था, आज भी लगभग उतना ही मिल रहा है. बिहार आज भी केंद्रीय मदद के मामले में वहीं का वहीं खड़ा है. बिहार के लिए जो हिस्सेदारी केंद्र से तय होती है, वह भी नहीं मिल रही. 13 वें वित्त आयोग ने बिहार के लिए 42,861 हजार […]
पटना. बिहार को केंद्र से जो हिस्सा मिलता था, आज भी लगभग उतना ही मिल रहा है. बिहार आज भी केंद्रीय मदद के मामले में वहीं का वहीं खड़ा है. बिहार के लिए जो हिस्सेदारी केंद्र से तय होती है, वह भी नहीं मिल रही. 13 वें वित्त आयोग ने बिहार के लिए 42,861 हजार करोड़ की हिस्सेदारी तय की थी, मिला महज 40,381 हजार करोड़. यानी बिहार के हिस्से में 12 हजार करोड़ की कटौती की गयी. सिर्फ योजना मद में छह हजार करोड़ की कटौती की गयी. उक्त बातें गुरुवार को विधानसभा में वित्त मंत्री विजेंद्र यादव ने कही. वे वित्तीय वर्ष 2015-16 के बजट पर बोल रहे थे. वित्त मंत्री के भाषण से असंतुष्ट भाजपा विधायक सदन से वाक आउट कर गये. विजेंद्र यादव ने स्वीकार किया कि बिहार में कृषि, शिक्षा और मिड-डे-मिल सहित आठ योजनाओं पर अपेक्षित सफलता नहीं मिली है. केंद्र ने बीआरजीएफ में कटौती की. बिहार के साथ केंद्र द्वारा किये जा रहे भेद-भाव के मुद्दे पर सरकार सर्वदलीय बैठक बुलायेगी और बात करेगी. उन्होंने कहा कि बजट से हम शानदार बिहार बनायेंगे. बजट प्रस्ताव में जो कमियां रह गयी हैं, उसे हम सप्लीमेंट्री के माध्यम से दूर करेंगे.