निगम : डेढ़ माह में न कचरा प्रबंधन हुआ न अवैध भवनों पर कार्रवाई
— नगर आयुक्त गये छुट्टी पर, लंबित हैं कई मसले संवाददाता, पटनानगर आयुक्त स्तर पर नवंबर 2014 से योजनाओं का निष्पादन नहीं हो रहा है. इस कारण लंबित योजनाओं की सूची बढ़ गयी है. नगर आयुक्त कुलदीप नारायण के निलंबन के बाद 3 फरवरी 2015 को अपर नगर आयुक्त शीर्षत कपिल अशोक को नगर आयुक्त […]
— नगर आयुक्त गये छुट्टी पर, लंबित हैं कई मसले संवाददाता, पटनानगर आयुक्त स्तर पर नवंबर 2014 से योजनाओं का निष्पादन नहीं हो रहा है. इस कारण लंबित योजनाओं की सूची बढ़ गयी है. नगर आयुक्त कुलदीप नारायण के निलंबन के बाद 3 फरवरी 2015 को अपर नगर आयुक्त शीर्षत कपिल अशोक को नगर आयुक्त बनाया गया. नवनियुक्त नगर आयुक्त भी जनहित योजनाओं के निबटारा करने के बजाय लंबी छुट्टी पर चले गये. अवैध बिल्डिंग निर्माण पर भी कार्रवाई नहीं हो रही है. इतना ही नहीं, जिन बिल्डिंग पर कुलदीप नारायण ने निर्माण पर रोक लगायी थी, वे बेधड़क निर्माण कर रहे हैं. क्या है योग्य अधिकारी का मतलबबुधवार को हाइकोर्ट ने नरेंद्र मिश्रा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि नगर निगम में स्थायी नगर आयुक्त को शीघ्र बहाली शीघ्र करें. साथ ही अधिकारी योग्य और कर्मठ हो. कोर्ट की टिप्पणी को निगम अधिकारी व जनप्रतिनिधि अपने-अपने तरीके से समझ रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि बिल्डिंग बायलॉज को शत प्रतिशत लागू करना, अवैध बिल्डिंग पर कार्रवाई व जनहित योजनाओं को समय पर पूरा करने पर ध्यान देना चाहिए .पक्ष-विपक्ष की लड़ाई में पड़ने से कोई लाभ नहीं होगा.