13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार में नकल रोकना सरकार के बूते से बाहर

पटना : सूबे में कई केंद्रों पर मैट्रिक परीक्षा के दौरान खुलेआम कदाचार पर राज्य सरकार ने अपना पल्ला झाड़ लिया है. गुरुवार को शिक्षा मंत्री पीके शाही ने विभाग में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वीकार किया कि मैट्रिक परीक्षा के दौरान कई केंद्रों में नकल हो रही है. लेकिन, इस पर रोक लगाने से […]

पटना : सूबे में कई केंद्रों पर मैट्रिक परीक्षा के दौरान खुलेआम कदाचार पर राज्य सरकार ने अपना पल्ला झाड़ लिया है. गुरुवार को शिक्षा मंत्री पीके शाही ने विभाग में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वीकार किया कि मैट्रिक परीक्षा के दौरान कई केंद्रों में नकल हो रही है. लेकिन, इस पर रोक लगाने से उन्होंने हाथ खड़े कर दिये. उन्होंने कहा कि अकेले सरकार परीक्षाओं में कदाचार नहीं रोक सकती है. इसके लिए सामाजिक जिम्मेदारी भी होनी चाहिए.
इस पर पत्रकारों के लगातार सवालों पर भड़के शिक्षा मंत्री ने कहा कि बिहार देश से अलग है क्या? कौन-से राज्य में और कौन-सी परीक्षा में कदाचार नहीं हो रही है? मैट्रिक परीक्षा में नकल हो रही है, यह हमारे लिए शर्मिदगी की बात है, तो परीक्षार्थियों और अभिभावकों के लिए भी शर्मिदगी की बात है. उन्होंने कहा कि इस बार मैट्रिक की परीक्षा में 14 लाख परीक्षार्थी हैं. उनके अभिभावक और रिश्तेदार तीन से चार हो जाएं, तो केंद्रों पर लोगों की संख्या 60 से 70 लाख तक पहुंच जाती है. ऐसी स्थिति में शत प्रतिशत कदाचारमुक्त परीक्षा का आयोजन करना अकेले सरकार के बलबूते की बात नहीं है. इसमें समाज को भी आगे आना होगा.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति और जिला प्रशासन की ओर से कदाचारमुक्त परीक्षा के आयोजन की व्यवस्था की गयी है, लेकिन कुछ केंद्रों पर कदाचार की तसवीरें भी रही हैं. इससे साफ होता है कि बच्चों के अभिभावक, रिश्तेदार कदाचार मे उनका सहयोग कर रहे हैं. शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य के बारे में ज्यादा सोचें. मैट्रिक परीक्षा ही जीवन की अंतिम परीक्षा नहीं होती है. जब अभिभावक तय कर चुके हैं कि कदाचार कराना है, तो इसे रोकना अकेले सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण है. इसमें लोगों का सहयोग आवश्यक है. सामाजिक सहयोग के बिना इसे सौ फीसदी कदाचारमुक्त परीक्षा का आयोजन नहीं किया जा सकता है.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार का दायित्व है कि क्राइम फ्री स्टेट बने. इसके लिए सरकार प्रयास करती है, लेकिन अगर अपराधी अपराध करने का तय कर चुका है तो उसे कैसे रोका जा सकता है. कदाचार की आ रही तसवीरों व खबरों पर मंत्री ने कहा कि जिस प्रकार से उसे दिखाया जा रहा है, वास्तविकता वैसी नहीं है. बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मैट्रिक परीक्षा में कदाचार करते हुए परीक्षार्थी को पकड़ा जाये, तो क्या दंड दिया जाये? क्या उसके भविष्य को असुरक्षित कर दिया जाये. यह हमें सोचना होगा.
डीएम-एसपी को कड़ी कार्रवाई का निर्देश
शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि नकल की खबर और तसवीर को देखते हुए राज्य सरकार गंभीर हुई है. मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह और डीजीपी पीके ठाकुर के माध्यम से जिन जिलों में कदाचार की घटनाएं हुई हैं, वहां के डीएम और एसपी को कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है. परीक्षा संचालन के लिए परीक्षा समिति समेत अन्य जो लोग इसमें सहयोग कर रहे हैं, उन्हें प्रभावी कदम उठाने का निर्देश दिया गया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें