किसान कर्ज व वायदों के गम में कर रहे हैं आत्महत्या : लालू (फेसबुक)

संवाददाता,पटना राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने किसानों के सवालों को लेकर केंद्र सरकार को छलावा देनेवाला बताया है. आर्थिक विकास के नाम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पूंजीपतियों की तरफदारी कर रही है. किसान कर्ज व वायदों के गम में आत्म-हत्या कर रहे हैं. गरीब-गुरबा और मध्यमवर्गीय देशवासियों को विकास के नाम पर बड़े-बड़े […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 20, 2015 7:03 PM

संवाददाता,पटना राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने किसानों के सवालों को लेकर केंद्र सरकार को छलावा देनेवाला बताया है. आर्थिक विकास के नाम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पूंजीपतियों की तरफदारी कर रही है. किसान कर्ज व वायदों के गम में आत्म-हत्या कर रहे हैं. गरीब-गुरबा और मध्यमवर्गीय देशवासियों को विकास के नाम पर बड़े-बड़े आसमानी सपने दिखाये गये. प्रधानमंत्री मोदी चुनाव के पहले किसान और मजदूरों के बारे में झूठे वायदे करते थे. लगता था जैसे भाजपा सरकार में आयेगी तो किसानों की अमीरी देख कर पूंजीपति भी किसान बनने की सोचने लगेंगे. अब क्या हुआ? किसानों की उपजाऊ जमीन छद्म विकास के नाम पर छीनने की साजिश कर रही है. खुद को चाय बेचनेवाला बता कर, गरीब और मध्यमवर्गीय हिंदुस्तानियों को ठगा गया. प्रधानमंत्री बनने के बाद क्या मोदी ने एक दिन भी किसानों और चायवालों के भले की बात की. प्रधानमंत्री जी के रेडियो पर मन की बात करने से किसानों का भला नहीं होगा.श्री प्रसाद ने अपने फेसबुक पर लिखे पोस्ट में बताया है कि किसानों की बढ़ती आत्महत्याएं एक गहरे कृषि संकट का लक्षण हैं. कॉरपोरेट समर्थक केंद्र सरकार किसान विरोधी भूमि अधिग्रहण बिल को तानाशाही तरीके से देश पर थोपना चाहती है. जब देश में अन्नदाता ही नहीं होंगे, तो स्थिति की गंभीरता समझी जा सकती है. भाजपा ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने का वायदा किया था. सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार अन्नदाता की बात भी नहीं सुन रही है. लालू प्रसाद ने पूछा है कि मोदी जी, देश के किसानों की सम्मानजनक जिंदगी सुनिश्चित करने की जिम्मेवारी किसकी है? किसान-मजदूरों के संवेदनशील एवं गंभीर मसले पर आप ऐसे चुप नहीं रह सकते और न ही हम चुप रहने देंगे.

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