पटना: नगर निगम, नगर परिषद व नगर पंचायत की खाली जमीन से भी अब टैक्स वसूली की जायेगी. अब तक सिर्फ मकानों से टैक्स वसूली करने में लगे नगर निकायों की विफलता को देखते हुए खाली जमीन से टैक्स वसूली का काम निजी एजेंसी को दिया जायेगा. इसके अलावा मकानों से प्रोपर्टी टैक्स वसूलने का जिम्मा भी इन एजेंसियों को दिया जायेगा.
इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. नगर विकास एवं आवास विभाग ने इसके लिए टेंडर भी जारी किया है. इसमें पटना नगर निगम के अलावा बाढ़, मोकामा, फुलवारीशरीफ, दानापुर, खगौल, मसौढ़ी, बिक्रम, खुसरूपुर, फतुहा, मनेर,नौबतपुर और बख्तियारपुर नगर निकायों को शामिल किया गया है.
क्यों लिया गया ऐसा निर्णय
नगर निकायों की आय का सबसे बड़ा स्नेत टैक्स की वसूली होता है. निकाय क्षेत्र में स्थित 60 से 70 फीसदी मकानों से तो टैक्स की वसूली हो जाती है, लेकिन खाली जमीन यों ही रह जाती है. जबकि खाली जमीन की खरीद बिक्री कर या फिर उस पर टावर आदि लगा कर लोग उससे आमदनी करते हैं. ऐसे में नगर निकायों को इससे किसी प्रकार का राजस्व प्राप्त नहीं होता है. चूंकि नगर निकाय मकानों से ही पूरी तरह से टैक्स वसूली करने में सक्षम नहीं है, इसलिए अब मकानों के साथ खाली जमीन से टैक्स वसूली की जिम्मेदारी एजेंसी को सौंपने का फैसला लिया गया है.
क्या होगा फायदा
नगर निकायों में जब टैक्स वसूली का जिम्मा निजी एजेंसी को सौंप दिया जायेगा, तो अधिक से अधिक टैक्स की वसूली हो सकेगी. चूंकि एजेंसी कमीशन बेसिस पर काम करेगा, इसलिए वह अधिक से अधिक होल्डिंग व खाली जमीन को टैक्स के दायरे में लाने की कोशिश करेगा. ऐसे में नगर निगम का राजस्व बढ़ेगा और आम लोगों को नागरिक सुविधाएं मुहैया करायी जा सकेंगी.