महिला ने लगाया थाने में बंद रखने का आरोप

पटना: दहेज प्रताड़ना की शिकार सीमा कुमारी ने महिला थाने के पुलिस अधिकारियों पर दो घंटे तक बंद रखने का आरोप लगाते हुए सोमवार को जम कर हंगामा किया. वहीं, महिला पुलिस अधिकारियों ने सीमा, उसके बच्चे व भाई को बंद रखने से इनकार किया है. रविवार को पुलिस ने सीमा के चचेरे ससुर महेश्वर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:34 PM

पटना: दहेज प्रताड़ना की शिकार सीमा कुमारी ने महिला थाने के पुलिस अधिकारियों पर दो घंटे तक बंद रखने का आरोप लगाते हुए सोमवार को जम कर हंगामा किया. वहीं, महिला पुलिस अधिकारियों ने सीमा, उसके बच्चे व भाई को बंद रखने से इनकार किया है. रविवार को पुलिस ने सीमा के चचेरे ससुर महेश्वर पांडे व चचेरी सास वीणा देवी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

पति व अन्य परिजन अब भी फरार हैं. पति सहित अन्य परिजनों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर सोमवार को सीमा फिर मुख्यमंत्री के जनता दरबार में पहुंच गयी. वहां से सीमा, उसके भाई गो¨वद व मां व दो बच्चों को पुलिस ने महिला थाने पहुंचा दिया. महिला थाने लाने के बाद वह यहां भी हंगामा करने लगी. इसके बाद सबको एक कमरे में बंद कर दिया गया.

पति सहित ससुरावाले हैं नामजद
सीमा देवी अपने पति ऋषि पांडेय व दो बच्चे आयुष (पांच वर्ष) व पीयूष (तीन वर्ष) के साथ सालिमपुर अहरा के रोड संख्या तीन सिन्हा निवास में रहती है. सीमा का मायका सालिमपुर अहरा के रोड संख्या दो में है, जहां उसके भाई गोविंद कुमार व मां उषा देवी रहती है. शनिवार की शाम उसके पति ने अपने परिजनों के साथ मिल कर सीमा देवी और उसके भाई गोविंद पर हमला कर दिया था. बेल्ट और रॉड से पिटाई कर गोविंद को लहूलुहान कर दिया था. सीमा देवी का कहना था कि उन लोगों की आठ साल पहले लव मैरेज हुई थी.

शादी के बाद से ही दहेज के लिए पति ऋषि पांडेय द्वारा प्रताड़ित किया जाने लगा. पिछले साल मार्च में गांधी मैदान में दहेज प्रताड़ना का एक केस भी दर्ज कराया गया था. बाद में बच्चों के भविष्य को देखते हुए समझौता हुआ. लेकिन उसके बाद भी उसका पति नहीं बदला और वह हमेशा मारपीट किया करता था.

शनिवार को उसका भाई गोविंद प्रति दिन की तरह दूध पहुंचाने के लिए घर पर आया. पति ऋषि पांडेय, ससुर नागेश्वर पांडेय, सास सुनीता देवी, देवर पंकज, सुनील, राहुल एवं छोटू ने दहेज की मांग की और भाई गोविंद पर हमला कर दिया और काफी पिटाई की, जिससे उसका सिर फूट गया. घटना की जानकारी वे लोग देने के लिए गांधी मैदान थाना गये, जहां से उनलोगों को महिला थाना भेज दिया गया. लेकिन वहां भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गयी और उनलोगों को कदमकुआं थाना जाने को कहा गया. कहीं से जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वे लोग मुख्यमंत्री आवास के सामने धरना पर बैठ गये थे.

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