महिला सशक्तीकरण नीति मंजूर, एलान आज
पटना. बिहार में ‘महिला सशक्तीकरण नीति, 2015’ तैयार हो गयी है. रविवार को बिहार दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसकी विस्तार से घोषणा करेंगे. इस संबंध में शनिवार को सीएम की अध्यक्षता में कैबिनेट की विशेष बैठक आयोजित की गयी, जिसमें इस नीति को मंजूरी दी गयी. बिहार में पहली बार इस तरह […]
पटना. बिहार में ‘महिला सशक्तीकरण नीति, 2015’ तैयार हो गयी है. रविवार को बिहार दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसकी विस्तार से घोषणा करेंगे. इस संबंध में शनिवार को सीएम की अध्यक्षता में कैबिनेट की विशेष बैठक आयोजित की गयी, जिसमें इस नीति को मंजूरी दी गयी.
बिहार में पहली बार इस तरह की कोई नीति तैयार की गयी है. इसमें महिलाओं के रोजगार और सुरक्षा से जुड़ी खास व्यवस्था की गयी है. समाज कल्याण विभाग इसका नोडल विभाग होगा. इसके तहत सभी विभागों को महिला से जुड़े मुद्दे पर काम के लिए टास्क दिया गया है. सभी विभागों में महिलाओं के लिए खास नीति तैयार की जायेगी, ताकि इन्हें हर स्तर पर व्यापक लाभ मिल सके.
इस नीति को तैयार करने से पहले आम लोगों, विशेषज्ञों और सभी महत्वपूर्ण विभागों से सुझाव लिये गये थे. सभी सुझावों पर कई वर्कशॉप के माध्यम से गहन मंथन करने के बाद इसमें कई अहम बातें जोड़ी गयी हैं. हालांकि, इस नीति में क्या-क्या खास है, यह घोषणा के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा. प्राप्त जानकारी के अनुसार, लोहिया के महिला सशक्तीकरण से जुड़े सिद्धातों को खास तवज्जो दिया गया है. इसमें स्वच्छता और सफाई अहम है.
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित मिशन मानव विकास की कैबिनेट कमेटी महिला सशक्तीकरण नीति के कार्यान्वयन की समीक्षा करेगी. इस नीति के तहत राज्य की समेकित कार्ययोजना बनाने के लिए मुख्य सचिव के स्तर पर विभागीय सचिवों की एक समिति रहेगी, जो एक महीने में कार्ययोजना तैयार कर लेगी. इस नीति में जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए महिला शिक्षा पर खासतौर से ध्यान दिया गया है. आंकड़े बताते हैं कि अगर लड़कियां प्लस टू तक पढ़ लें, तो जनसंख्या दर स्थिर हो जायेगी. इससे राज्य की जनसंख्या 40 साल बाद नीचे आ जायेगी. नारी के शिक्षित होने से भ्रूणहत्या और बाल विवाह को बंद करने में काफी मदद मिलेगी. इस तरह की तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए इस नीति को तैयार किया गया है और इन बातों को सरजमीं पर उतारने के लिए इसमें खासतौर से व्यवस्था की गयी है. गुड गवर्नेस के लिए महिला सशक्तीकरण बेहद जरूरी है.