निगरानी जांच का मतलब है मामला लंबा खींचना : रमई राम

पटना. विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री रमई राम एक जवाब में फंस गये. भाजपा के महेंद्र बैठा ने सरकार से जानना चाहा कि पटना के बीडी कॉलेज में अनुसूचित जाति के इंटर व स्नातक छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है. श्री राम ने बताया कि दो वित्तीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 24, 2015 6:03 PM

पटना. विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री रमई राम एक जवाब में फंस गये. भाजपा के महेंद्र बैठा ने सरकार से जानना चाहा कि पटना के बीडी कॉलेज में अनुसूचित जाति के इंटर व स्नातक छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है. श्री राम ने बताया कि दो वित्तीय वर्ष के दौरान विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी गयी है. पूरक प्रश्न में उन्होंने सरकार के जवाब से असंतोष जताया, तो मंत्री ने कहा कि सदस्य जिससे कहे, उससे जांच करा ली जायेगी. इस पर प्रश्नकर्त्ता ने कहा कि इस मामले की जांच निगरानी से करा लीजिए. बस मंत्री रमई राम के मुंह निकल गया कि निगरानी जांच का मतलब है कि मामले को लंबा खींचना. मंत्री का जवाब सुनते ही विपक्ष के नेता नंद किशोर यादव ने सरकार को कठघरे में खड़ा कर लिया. श्री यादव ने सरकार से मांग कर दी कि वह यह बताना चाहिए कि क्या निगरानी को मामला देने का मतलब उसे लटकाना होता है. बस क्या था, मंत्री को फंसता देख आसन की ओर से इसे स्पष्ट किया गया कि उनका कहने का आशय ऐसा नहीं था.

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