पटना सिटी: पुनपुन के जल स्तर में लगातार वृद्धि से जल्ला की छह पंचायतों में 40 हजार से अधिक की आबादी पीड़ित है. ग्रामीणों का जीना मुहाल है. स्थिति यह हो गयी है कि पशुओं के लिए चारे संकट उत्पन्न हो गया है. वहीं , ग्रामीण किसी तरह पानी के बीच जिंदगी बीता रहे हैं. जानवरों को दूसरे स्थानों पर ले जाया जा रहा है. गंदगी की वजह से संक्रामक रोग फैलने की भी आशंका जतायी जा रही है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव का संपर्क शहर से लगभग टूट- सा गया है. नाव ही आने- जाने का सहारा है, लेकिन प्रशासन द्वारा पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गयी है.
कहां-कहां है पानी
सोनावां पंचायत के खासपुर गांव व इसी पंचायत की चमर टोली पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. इधर , बराठपुर व हीरानंदपुर गांव में भी स्थिति बिगड़ चुकी है. दूसरी ओर , फतेहपुर , कोन कोठिया बांध और रिंग बांध में माधोपुर,मिर्जापुर,अलीरामचक, बेबरामचक, मरची गांव, ,हीरानंदपुर आदि गांवों में लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. हालांकि, पटना सदर प्रखंड की छह पंचायतों महुली, फतेहपुर, सोनावां , मरची, सबलपुर व पुनाडीह में कोमोवेश हर जगह बाढ़ की स्थिति बनी हुई है.
खेत -खलिहान व मकान डूबे
गांव के रामेश्वर कुमार, राजेश्वर महतो, माधोपुर की रेणु देवी समेत अन्य का कहना है कि गांव में हालात यह है कि खेत -खलिहान भी डूब गये हैं. वहीं , आने- जाने के मार्ग पर जलजमाव होने की वजह से शहर आना भी मुश्किल हो गया. पीड़ितों के अनुसार गांव में यह त्रसदी हर साल आती है, सरकार इस दिशा में सार्थक व ठोस कदम नहीं उठाती है.