profilePicture

‘नया भाषा-भारती-संवाद’ पत्रिका का विमोचन

पटना . देश के करोड़ों लोगों की भाषा हिंदी है, लेकिन साहित्यिक पत्रिका का अभाव है. वर्तमान में समाचार पत्र और पत्रिकाओं की भाषा को देखने के बाद वेदना होती है. ये बातें राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा ने ‘नया भाषा-भारती-संवाद’ पत्रिका के विमोचन में कहीं. भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में आइआइबीएम सभागार में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 24, 2015 11:03 PM

पटना . देश के करोड़ों लोगों की भाषा हिंदी है, लेकिन साहित्यिक पत्रिका का अभाव है. वर्तमान में समाचार पत्र और पत्रिकाओं की भाषा को देखने के बाद वेदना होती है. ये बातें राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा ने ‘नया भाषा-भारती-संवाद’ पत्रिका के विमोचन में कहीं. भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में आइआइबीएम सभागार में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता नृपेंद्र नाथ गुप्ता ने की. सिन्हा ने कहा कि आज हिंदी का अंगरेजीकरण हो रहा है. यह साहित्य के साथ अन्याय है. पत्रिका के सह संपादक डॉक्टर नरेश पांडेय चकोर ने कहा कि संपादक नृपेंद्र नाथ गुप्त के अस्वस्थ होने के कारण इसे छपने में देरी हुई बावजूद पत्रिका पूर्व की भांति है. मौके पर बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के प्रमुख डॉक्टर अनिल सुलभ, आचार्य रंजन सूरिदेव, बलभद्र कल्याण, डॉक्टर भगवान सिंह भाष्कर, प्रोफेसर (डॉ.) शत्रुघ्न प्रसाद समेत कई लोगों ने पत्रिका प्रकाशन हेतु सहयोग देने का आश्वासन दिया.

Next Article

Exit mobile version