स्मार्ट कार्ड में डीएल के लिए दो माह इंतजार

पटना: सूबे में स्मार्ट कार्ड की कमी को लेकर कागज (पेपर मोड) में ड्राइविंग लाइसेंस मिलेगा. स्मार्ट कार्ड में ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए लोगों को कम से कम दो माह इंतजार करना पड़ेगा. स्मार्ट कार्ड की आपूर्ति करनेवाली एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड किये जाने के बाद कार्ड की आपूर्ति ठप हो गयी. डीटीओ कार्यालय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 26, 2015 6:21 AM
पटना: सूबे में स्मार्ट कार्ड की कमी को लेकर कागज (पेपर मोड) में ड्राइविंग लाइसेंस मिलेगा. स्मार्ट कार्ड में ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए लोगों को कम से कम दो माह इंतजार करना पड़ेगा. स्मार्ट कार्ड की आपूर्ति करनेवाली एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड किये जाने के बाद कार्ड की आपूर्ति ठप हो गयी. डीटीओ कार्यालय में स्मार्ट कार्ड में नहीं होने से लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिल रहा है. लोगों में असंतोष व विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने से बचने के लिए परिवहन विभाग ने फिलहाल कागज(पेपर मोड) में ड्राइविंग लाइसेंस उपलब्ध कराने का वैकल्पिक व्यवस्था किया है.
छह माह के लिए होगा वैलिड
कागज में मिलनेवाला ड्राइविंग लाइसेंस छह माह के लिए वैलिड होगा. इससे पहले ड्राइविंग लाइसेंस लेनेवाले को डीटीओ कार्यालय पहुंच कर स्मार्ट कार्ड में कनवर्ट कराना होगा. अन्यथा उसकी वैलिडिटी खत्म हो जायेगी. विभाग की नयी व्यवस्था ने लोगों को परेशानी में डाल दिया है. ड्राइविंग लाइसेंस लेने के बाद लोग निश्ंिचत हो जाते थे. वे कहीं भी जाकर आराम से रह सकते थे, लेकिन नयी व्यवस्था में उन्हें ध्यान रखना होगा कि कब स्मार्ट कार्ड की आपूर्ति शुरू हो रही है. कब उसे आकर स्मार्ट कार्ड में कनवर्ट कराना पड़ेगा. इसमें सबसे अधिक परेशानी दूर दराज जानेवाले लोगों को होगी.
इसलिए किया ब्लैक लिस्टेड
विभाग ने समय पर कार्ड सहित अन्य सामग्री उपलब्ध नहीं कराने के कारण आपूर्तिकर्ता श्रीवेन इंफोकॉम प्राइवेट लिमिटेड को ब्लैक लिस्टेड किया है. कंपनी की सुरक्षित राशि 50 लाख जब्त कर ली गयी है. कंपनी द्वारा 22 फरवरी को अंतिम स्मार्ट कार्ड आपूर्ति किया गया था. कंपनी के रवैये को लेकर जनवरी माह में विभागीय मंत्री ने आपत्ति व्यक्त करते हुए कार्रवाई के लिए लिखा गया था.
मई, 2008 में शुरू हुई थी सुविधा
स्मार्ट कार्ड में ड्राइविंग लाइसेंस व वाहन का ऑनर बुक देने की सुविधा मई, 2008 में शुरू हुई थी. तत्कालीन परिवहन मंत्री अजीत कुमार ने पटना डीटीओ से शुरुआत की थी.
स्मार्ट कार्ड उपलब्ध नहीं होने के कारण कागज में ड्राइविंग लाइसेंस देने की वैकल्पिक व्यवस्था की गयी है. इसकी वैधता छह माह के लिए होगी. स्मार्ट कार्ड की व्यवस्था दो माह में करने की संभावना है.
एके प्रसाद, अपर सचिव परिवहन विभाग

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