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पुलिस की चूक: चकमा दे बिहार से निकल गया रामानुज!

पटना: डीएवी के पूर्व प्राचार्य रामानुज प्रसाद को पटना पुलिस बेसब्री से तलाश रही है, लेकिन अपने रसूख के बल पर स्कूल के काले कारनामों को छुपाये रखनेवाला यह शख्स पुलिस से भी तेज निकला. सूत्रों की मानें तो पुलिस द्वारा बिछाये गये जाल व तगड़े नेटवर्क को भेद कर वह बिहार से बाहर निकल […]

पटना: डीएवी के पूर्व प्राचार्य रामानुज प्रसाद को पटना पुलिस बेसब्री से तलाश रही है, लेकिन अपने रसूख के बल पर स्कूल के काले कारनामों को छुपाये रखनेवाला यह शख्स पुलिस से भी तेज निकला. सूत्रों की मानें तो पुलिस द्वारा बिछाये गये जाल व तगड़े नेटवर्क को भेद कर वह बिहार से बाहर निकल गया. पद से हटाये जाने के बाद जब पुलिस के हाथ उसकी गरदन की तरफ बढ़े तो कई तरह के खुलासे का भय उसे सताने लगा. दलदल में फंसता देख उसके संरक्षण दाताओं ने भी हाथ खींच लिया है. हालांकि पुलिस की तरफ से निगरानी जारी है.
डीएवी के पूर्व प्राचार्य की गिरफ्तारी के मामले में पुलिस फिलहाल चूक गयी है. जब वह पटना में मौजूद था, तब पुलिस उस पर हाथ डालने से बचती रही. लेकिन जैसे-जैसे उसकी संलिप्तता सामने आने लगी, उसके पहले वह हाथ से निकल गया. सवाल यह है कि जब जालसाजी के आरोप में पकड़े गये शिक्षक सनातन महाराणा, गोरांग डे व प्रदीप भारती ने यह बयान दिया था कि वह जो भी करते थे, प्राचार्य के इशारे पर करते थे तो पुलिस ने पूर्व प्राचार्य को हिरासत में लेकर छोड़ा क्यों. क्या पुलिस पर उन लोगों का दबाव था, जो रामानुज प्रसाद को संरक्षण दे रखे थे. क्या पुलिस ठोस साक्ष्य खोजने का बहाना करती रही या फिर सही में उसके पास कुछ नहीं था.
चर्चा है कि रामानुज प्रसाद को बचाने में दो वरिष्ठ आइएएस व आइपीएस का भी हाथ रहा. स्कूल के एडमिशन में भी इन अफसरों के दखल देने की बात आ रही है.
तो छह घंटे में मिल थी गयी छात्रा :छात्रा की बरामदगी के बाद प्राचार्य अडंर ग्राउंड हो गये. तीनों शिक्षकों को पुलिस ने जेल भेज दिया. जिस दिन छात्राबरामद हुई, उस दिन दोपहर तीन बजे से ही एसएसपी थाने पर कैंप कर रहे थे. शिक्षक व प्राचार्य से पूछताछ हो रही थी. तीनों शिक्षकों के साथ पुलिस ने थर्ड डिग्री का भी प्रयोग किया था. चौंकाने वाली बात यह रही कि थाने पर एक तरफ शिकंजा कस रहा था, तो दूसरी तरफ पटना जंकशन पर छात्रा बरामद कर ली गयी. सवाल यह है कि यह सब कैसे हुआ. क्या छात्रा को छुपाने में भी स्कूल का हाथ था. जब दबाव बढ़ा तो वह बरामद हो गयी. पुलिस इस ट्रैक पर काम कर रही है. वहीं पुलिस रामानुज की हर गतिविधि को खंगालने में जुट गयी है. पिछले छह माह में उसकी किन-किन से बात हुई, इन बिंदुओं पर भी नजर रखी जा रही है. उनके कॉल डिटेल खंगाला जा रहा है.

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