भागवत श्रवण से अहंकार का होता है नाश : रमेश ओझा

फोटो जेपी देंगे- गांधी मैदान में कथा का दूसरा दिन संवाददाता,पटनागांधी मैदान में चल रहे भागवत कथा के दूसरे दिन क थावाचक रमेश भाई ओझा ने कहा कि भागवत कथा सुनने से तन और मन शुद्ध होता है. यह मात्र कथा नहीं है बल्कि यदि व्यक्ति इसे सुन ले, तो उसका जीवन सकारात्मक दिशा में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 26, 2015 11:03 PM

फोटो जेपी देंगे- गांधी मैदान में कथा का दूसरा दिन संवाददाता,पटनागांधी मैदान में चल रहे भागवत कथा के दूसरे दिन क थावाचक रमेश भाई ओझा ने कहा कि भागवत कथा सुनने से तन और मन शुद्ध होता है. यह मात्र कथा नहीं है बल्कि यदि व्यक्ति इसे सुन ले, तो उसका जीवन सकारात्मक दिशा में अग्रसर होता है. भागवत तो हजार वर्षों से सुनी जा रही है. ध्रुव चरित्र,प्रहलाद व गोपी संवाद पर श्रोता झूम उठे. चारों ओर बह रही संगीत की धारा के बीच श्रद्धालुओं ने खूब ठुमके लगाये. भागवत कथा का आयोजन आध्यात्मिक सत्संग समिति कर रहा है. क था वाचक ने कहा कि जब तक जीवात्मा परमात्मा को याद करता है,तब तक सब ठीक है. अक्सर लोग दुख में ही भगवान को याद करते हैं. तप सुमिरन, भजन व पूजा पाठ से जब साधक दूर हो जाता है,वहीं विपत्ति है. प्रभु के चिंतन के बिना एक पल भी निकल गया,तो पछताना पड़ेगा. रमेश भाई ओझा ने कृष्ण के कई रूपों का दर्शन कराया. उन्होंने कहा कि जब तक हमारा जीवन राम की तरह नहीं होगा, तब तक कृष्ण को हम समझ नहीं पायेंगे. भागवत एक ऐसी कथा है जिसे सुनने ग्रहण करने से मन को शांति मिलती है. शरीर में मैल को साफ करने के लिए अगर इसे मन से ग्रहण करें, तो यह अमृत समान है. उन्होंने मानव का सबसे बड़ा दुश्मन अहंकार को बताया.

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