आठ माह से बन रही है नाला उड़ाही की योजना, हाइकोर्ट का आदेश भी नाले में बहाया

पटना: निगम प्रशासन पिछले आठ माह से नाला उड़ाही व अतिक्रमण हटाने की योजना बना रहा है. उड़ाही की कार्ययोजना कागजों पर निगम मुख्यालय से लेकर अंचल कार्यालय तक दौड़ती रही, लेकिन आज तक व्यापक स्तर पर काम शुरू नहीं किया गया है. यह स्थिति तब है, जब हाइकोर्ट फटकार पर फटकार लगा चुका है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 29, 2015 6:27 AM
पटना: निगम प्रशासन पिछले आठ माह से नाला उड़ाही व अतिक्रमण हटाने की योजना बना रहा है. उड़ाही की कार्ययोजना कागजों पर निगम मुख्यालय से लेकर अंचल कार्यालय तक दौड़ती रही, लेकिन आज तक व्यापक स्तर पर काम शुरू नहीं किया गया है. यह स्थिति तब है, जब हाइकोर्ट फटकार पर फटकार लगा चुका है.

इस पर नगर निगम ने नाला उड़ाही में खर्च होनेवाली राशि विभाग से मांग की, तो उसने राशि उपलब्ध करा दी. यहां तक विभाग से मिली राशि को नगर आयुक्त ने चारों अंचलों में आवंटित भी कर दिया है, लेकिन कार्यपालक पदाधिकारी अब तक सिर्फ मैनहोल व कैचपीट तक ही अटके हुए हैं. अब तक किसी बड़े नाले की उड़ाही शुरू नहीं की गयी है और न ही अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू की गयी है.

प्रभारी के भरोसे निगम
कुलदीप नारायण के निलंबन के बाद निगम प्रभारी नगर आयुक्त के भरोसे चल रहा था. प्रभारी नगर आयुक्त के आदेशों को निगम मुख्यालय हो या फिर अंचल कार्यालय में कार्यरत अधिकारी, गंभीरता से नहीं लेते थे. नगर आयुक्त शीर्षत कपिल अशोक ने तीन बार नाला उड़ाही का आदेश दिया, लेकिन कार्यपालक पदाधिकारी निर्धारित तिथि के अनुसार कार्य शुरू नहीं करा सके. निगम की स्थिति देख कर ही हाइकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि निगम में स्थायी नगर आयुक्त की तैनाती करें, जो कर्मठ व योग्य हों.
फिर जलजमाव की आशंका
मॉनसून से पहले नाला उड़ाही पूरा करना आसान नहीं है. इसकी वजह है कि निगम प्रशासन के लिए महज 60 दिनों का समय है. इस अवधि में नौ बड़े नालों के साथ 1200 किमी भूगर्भ नाले, 24 हजार मैनहोल व 28 हजार कैचपीट की उड़ाही करनी है, जो संभव नहीं दिख रहा है. ध्वस्त मैनहोल को दुरुस्त करना व छोटे नालों को बड़े नालों से जोड़ना आदि का काम भी है. मॉनसून के दौरान शहर में जलजमाव नहीं हो, इसके लिए यह समय महत्वपूर्ण है. प्रभारी नगर आयुक्त को कोई सुनता नहीं और नये नगर आयुक्त अब तक पदभार ग्रहण किये नहीं हैं. इस स्थिति में शहर में जलजमाव होना तय है और फिर पिछले वर्ष की तरह शहरवासी मॉनसून के दौरान महीनों जलजमाव की समस्या से जूझने के लिए विवश होंगे.

Next Article

Exit mobile version