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बरतें सावधानी: योजना को गलत बता पैसे वसूलनेवालों पर होगी कार्रवाई, नहीं हो रही नियुक्ति, न रजिस्ट्रेशन

पटना: बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना से जुड़ने के लिए अगर आप किसी स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद ले रहे हैं, तो सावधान हो जायें. क्योंकि इस योजना के तहत न ही किसी तरह की नियुक्ति की जानी है और न ही पैसे देकर रजिस्ट्रेशन. कुछ ऐसे गिरोह हैं, जो योजना को गलत तरीके से प्रस्तुत […]

पटना: बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना से जुड़ने के लिए अगर आप किसी स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद ले रहे हैं, तो सावधान हो जायें. क्योंकि इस योजना के तहत न ही किसी तरह की नियुक्ति की जानी है और न ही पैसे देकर रजिस्ट्रेशन. कुछ ऐसे गिरोह हैं, जो योजना को गलत तरीके से प्रस्तुत कर पैसे वसूल रहे हैं.
इसके लिए जरूरी है कि योजना की सही-सही जानकारी रखें. इसके तहत देश भर में घटते लिंगानुपात को सामान्य करना है. इसमें किसी भी तरह से नियुक्ति या रजिस्ट्रेशन करने जैसी अफवाहें पूरी तरह से गलत है. यदि किसी भी संस्था व व्यक्ति द्वारा योजना को गलत रूप से पेश कर पैसे की मांग क र रहे हैं, तो वे इसकी शिकायत कार्यालय में कर सकते है. उनकी पहचान कर कार्रवाई की जायेगी.
सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा किया गया जागरूक : योजना की जानकारी अधिक-से-अधिक लोगों को मिल सकें, इसके लिए सूचना प्रसारण मंत्रलय द्वारा एक महीने तक चयनित जिलों में कैंपेन चला कर जागरूकता कार्यक्रम चलाये गये. इनमें क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय द्वारा वैशाली जिले में नुक्कड़ नाटक, गोष्ठी, रैली व पोस्टर द्वारा राज्य व जिला स्तर पर फरवरी माह में जागरूकता कार्यक्रम चलाये गये.
इन जिलों में चलायी जा रही है योजना : इस योजना के अनुसार 100 जिलों का चयन किया गया है. इनमें 87 जिले ऐसे हैं, जहां लिंगानुपात (918) राष्ट्रीय स्तर से कम है. इनमें 12 जिला हरियाणा के हैं. आठ जिले ऐसे हैं, जहां लिंगानुपात राष्ट्रीय स्तर पर तो हैं, पर गिरते हुए क्रम में है.
वहीं, पांच वैसे जिलों का चयन किया गया है, जहां लिंगानुपात 1,103 के पार रही. इनमें जम्मू-कश्मीर के तीन, सिक्किम व मणिपुर के एक -एक हैं. 87 जिले में बिहार का वैशाली जिला शामिल हैं, जहां लिंगानुपात 904 है.
ये है योजना
प्रधानमंत्री की बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत 22 जनवरी, 2015 को हरियाणा के पानीपत से की गयी थी. महिला व बाल विकास मंत्रलय व मानव संसाधन विकास मंत्रलय की संयुक्त पहल से योजना की शुरुआत देश भर में किया गया है. इसके अंतर्गत देश के कुल 100 जिलों का चयन किया गया है. इसमें बिहार का वैशाली जिला शामिल है. इसकी जिम्मेदारी समाज कल्याण विभाग को दी गयी है. महिला विकास निगम नोडल एजेंसी के रूप में काम कर रही है. इसके अंतर्गत वैशाली जिले के दो फातेपुर व भगवानपुर ब्लॉक में जागरूकता कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. इसके अंतर्गत न केवल बेटियों के जन्म को बढ़ावा देना है, बल्कि सरकार की सभी योजनाओं से भी जोड़ना है, ताकि गांव-गांव तक लोगों को इसका लाभ मिल सके. इस काम में पंचायती राज व स्वास्थ्य विभाग की भी मदद ली जा रही है.
यहां करें शिकायत
योजना से संबंधित किसी तरह की जानकारी के लिए महिला विकास निगम के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं. साथ ही महिला विकास निगम के टॉल फ्री नंबर (181) पर फोन कर जानकारी ले सकते हैं.
सुकन्या समृद्धि योजना
इसके जरिये बैंक खाता10 वर्ष से कम उम्र की बेटियों के लिए शुरू किया गया है. न्यूनतम एक हजार रुपया डाकघर में जमा करना है. जिसे जमा करने के बाद बेटियों को वार्षिक चक्रवर्ती ब्याज की 9.1 की दर से 18 वर्ष के बाद निकासी कर सकेंगी.
क्या कहना है इनका
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना में किसी तरह की कोई नियुक्ति नहीं की जानी है. यह जागरूकता कार्यक्रम है. साथ ही बेटियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाना है. किसी तरह की राशि बेटियों के अभिभावकों को नहीं देनी है.
विजय कुमार, निदेशक, क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय
योजना के अंतर्गत किसी तरह की पैसे देने की बात नहीं है. यदि इस तरह की शिकायत आ रही है, तो पूरी तरह गलत है. ऐसी कोई भी जानकारी मिलने पर कार्यालय में शिकायत कर सकते हैं. साथ ही योजना की जानकारी भी ले सकते हैं. इसकी जानकारी विभाग को दी जायेगी, इसकी रोकथाम के लिए उचित कार्रवाई भी की जायेगी.
उत्पलकांत, राज्य समन्वयक, महिला विकास निगम

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