पटना: 26 मार्च को आर ब्लॉक पर प्रदर्शन कर रहे एबीवीपी छात्रों पर लाठीचाजर्, फायरिंग व गिरफ्तारी के विरोध में विद्यार्थी परिषद् के बिहार बंद का असर राजधानी में देखने को मिला. छात्रों ने रेल से लेकर सड़क और विवि से लेकर कॉलेज तक सभी जगहों पर बंद कराया.
साइंस कॉलेज में छात्रों ने बंद कराने के क्रम उपद्रव मचाया व प्राचार्य कक्ष के दरवाजा का पैडलॉक और टेबल का शीशा तोड़ डाला, तो डाकबंगला चौराहा पर बंद कराने के दौरान एक बार फिर छात्रों पर पुलिस ने लाठियां बरसायीं. राजेंद्र नगर टर्मिनल पर छात्रों ने घंटों रेल परिचालन को बाधित रखा.
आर ब्लॉक, हार्डिग पार्क सड़क व एनएच समेत कई प्रमुख सड़कों को भी जाम कर दिया. लाठीचार्ज के विरोध में छात्रों ने मंगलवार को काला दिवस मनाने की घोषणा की. पटना में सुबह से ही अलग-अलग टोलियों में छात्र बंद कराने के लिए निकले. बंद का नेतृत्व परिषद् के प्रदेश मंत्री भरत सिंह जोशी ने किया. बंद का असर पटना विवि, डाकबंगला, बोरिंग रोड व पटना सिटी समेत तमाम स्थानों पर दिखा.
एवीबीपी के 58 सदस्य गिरफ्तार : एबीवीपी द्वारा सोमवार को बुलाये गये बिहार बंद कार्यक्रम के दौरान पटना के सभी अनुमंडलों में पुलिस बल मुस्तैद रही. एसएसपी जितेंद्र राणा अनुमंडल पदाधिकारियों से पल-पल की खबर लेते रहे. इस दौरान 58 सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
बिना शर्त रिहा करे 35 छात्रों को : मोदी
पटना: विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सुशील कुमार मोदी ने विद्यार्थी परिषद के छात्रों पर हुई लाठीचार्ज की घोर निंदा करते हुए गिरफ्तार हुए 35 छात्रों को बिना शर्त रिहा करने की मांग की है. विधान परिषद स्थित अपने कक्ष में उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार बनती है, तो आंदोलनकारियों पर जितने मुकदमे हुए हैं, वे सभी वापस ले लिये जायेंगे. राजनीतिक आंदोलन में भाग लेनेवाले लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं की जायेगी. उन्होंने कहा कि जितना दमन करने की कोशिश की जायेगी, आक्रोश उतना ही ज्यादा बढ़ेगा. हर आंदोलन में मुकदमा करेगी सरकार, तो कैसे काम चलेगा. छात्रों पर धारा 307, 357 समेत अन्य धाराएं लगायी गयी है. अपराधी व आंदोलनकारी में अंतर होता है. छात्रों पर इस तरह की धाराएं लगाने का कोई औचित्य नहीं है.एबीवीपी ने पहले ही अपने आंदोलन की सूचना सरकार को दी थी, लेकिन सरकार ने कोई बातचीत नहीं की. गिरफ्तार होनेवाले सारे लड़के कम उम्र के हैं. 6-7 लड़कों को उनके घर जाकर पकड़ा गया है. अब पुलिस इन पर बयान बदलने का दबाव बना रही है. उन्होंने कहा कि पीएमसीएच में जाकर डीजीपी का इन घायल लड़कों से मिलने का औचित्य क्या है. इससे जाहिर होता है कि इन पर बयान बदलने का दबाव बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार व लालू प्रसाद यादव छात्र आंदोलन से ही निकले हुए नेता हैं. फिर भी छात्रों के साथ इस तरह का व्यवहार हो रहा है.
गृहयुद्ध की स्थिति लाना चाहते हैं मोदी
जदयू के प्रवक्ता व विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा नेता सुशील मोदी बिहार में गृहयुद्ध लाना चाहते हैं. 26 मार्च को जिस तरह से एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने पटना की सड़कों पर उत्पात मचाया, उससे पटना के आम शहरी पूरी तरह से दहशत में थे. सुशील मोदी व भाजपा के नेताओं की साजिश के बदौलत एबीवीपी के कार्यकर्ता विधानमंडल में घुसे. विधानमंडल पर हमला होगा, तो पुलिस कार्रवाई करेगी ही. एबीवीपी के कार्यकर्ता पूरी तरह गुंडई पर उतारु थे, फिर भी पुलिस ने धैर्य से काम लिया था. मोदी पुलिस पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं. डीजीपी पर घायलों का बयान बदलवाने की कोशिश करने का भी आरोप मढ़ रहे हैं. यह सरासर गलत है. लोग मुंह से स्वाद लेते हैं, लेकिन सुशील मोदी कान से स्वाद लेने लगे हैं.
एबीवीपी का बंद रहा सफल : अरुण सिन्हा
विधानसभा में विरोधी दल के मुख्य सचेतक अरुण कुमार सिन्हा ने कहा है कि अभाविप के छात्रों को जिस बर्बरतापूर्ण ढंग से पीटा गया व जेल भेजा गया है. उसके विरोध में बिहार बंद सफल रहा. बंद को सफल बनाने में सूबे की जनता व व्यवसायियों ने समर्थन दिया. वहीं, एबीवीपी के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य पप्पू वर्मा ने कहा कि बंद को लोगों का अपार जनसमर्थन मिला है. यह छात्र विरोधी व शिक्षा का सत्यानाश करनेवाली नीतीश सरकार के मुंह पर तमाचा है. अब छात्र सड़क के बजाय संगोष्ठी कर लोगों को सरकार की गलत नीतियों से अवगत करायेंगे.
समर्थन में उतरी छात्र लोजपा
एबीवीपी के बंद के समर्थन में छात्र लोजपा के सैकड़ों कार्यकर्ता सड़क पर उतरे. उन्होंने अशोक राजपथ व डाकबंगला चौराहा भी जाम किया. राजेंद्र नगर टर्मिनल पर भी ट्रेन को काफी देर तक रोके रखा. छात्र लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजीव सरदार ने कहा कि सरकार छात्र हित की बात नहीं कर रही है. कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष संजीव सरदार, ओम प्रकाश छोटू, गुलशन कुमार, गौतम कुमार समेत सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल थे.
बंद को छात्रों ने नकारा : डॉ रंजन
छात्र समागम के प्रदेश अध्यक्ष डॉ रंजन कुमार ने कहा कि एबीवीपी के बिहार बंद को राज्य के छात्र व युवाओं समेत लोगों ने नकार दिया है. विवि व कॉलेज समेत सभी निजी एवं सरकारी शैक्षणिक संस्थान खुले रहे. बंद के दौरान एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने जमकर उत्पात मचाया. छात्र समागम इसकी तीव्र भर्त्सना करता है.
बड़ी संख्या में छात्रों की हुई गिरफ्तारी
एक बार फिर डाकबंगला चौराहा पर छात्र प्रदर्शन करते हुए बंद कराने पहुंचे. बंद समर्थक छात्रों ने ‘लाठी-गोली की सरकार नहीं चलेगी’, ‘छात्र विरोधी शिक्षा विरोधी नीतीश सरकार इस्तीफा दो’ आदि नारे लगा रहे थे. छात्रों ने वहां सड़क को जाम कर दिया. पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर एक बार फिर लाठियां बरसायी. लाठीचार्ज में जहां परिषद के हिमांशु यादव, सुजीत कुमार, अभिषेक सिंह, आशुतोष कुमार, मुकेश कुमार, विवेक कुमार, दीपक कुमार, कुंदन कुमार व भरत सिंह जोशी घायल हैं, वहीं पटना पुलिस ने आशीष सिन्हा, अमित शर्मा, पप्पू वर्मा, राहुल कुमार, आलोक तिवारी, राहुल त्रिपाठी, मनीष कुमार सहित भारी संख्या में छात्रों को पांच अलग-अलग थानों में गिरफ्तार किया.