उन्होंने कहा कि केवल दुनिया में जीना ही मनुष्यता नहीं है. दुनिया में पशु भी जी लेते हैं. परंतु वो आदमी, जिसने अपने अपनत्व का दायरा नहीं बढ़ाया वह मनुष्य नहीं रह जाता है.
संघ का काम है तमाम देशवासियों को एक-दूसरे समीप लाना तथा अच्छे कर्मो की ओर उन्हें प्रेरित करना, ताकि देश का विकास हो, मानवता का कल्याण हो. श्री भागवत ने कहा कि धर्म शाश्वत है तथा इसके आचरण से मनुष्य बुरे कर्मो से बचता है, एवं अच्छे कार्य करता है. सत्य पर चलने का उपदेश देते हुए उन्होंने कहा कि हमें ऐसा भारत बनाना है, जिसका उद्देश्य केवल सत्य हो. समारोह की अध्यक्षता डॉ सरदार बलवंत सिंह रामूवालिया ने की.