पटना: वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन ट्रेजरी ऑफिस में विभिन्न कार्यालयों के कर्मचारियों की भीड़ लगी हुई थी. तमाम प्रतिबंधों के बावजूद विभिन्न विभागों से अधिकारी-कर्मचारी कोषागार के चारों ओर मंडरा रहे थे. सभी की चाहत थी कि उनका बिल भंज जाये व बची खुची राशि मिल जाये. सुबह दस से बारह बजे के बीच […]
पटना: वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन ट्रेजरी ऑफिस में विभिन्न कार्यालयों के कर्मचारियों की भीड़ लगी हुई थी. तमाम प्रतिबंधों के बावजूद विभिन्न विभागों से अधिकारी-कर्मचारी कोषागार के चारों ओर मंडरा रहे थे. सभी की चाहत थी कि उनका बिल भंज जाये व बची खुची राशि मिल जाये. सुबह दस से बारह बजे के बीच इंट्री भी जारी रही. सब कोषागार जा रहे थे.
इस बीच बढ़ती भीड़ की सूचना डीएम अभय सिंह को मिली, तो उन्होंने एडीएम आपूर्ति अजय कुमार को कोषागार का निरीक्षण करने का आदेश दिया. सरकारी कर्मचारियों की भीड़ लगी हुई थी.
इसके बाद एडीएम ने कोषागार के दरवाजे पर ताला जड़ने का निर्देश दिया. बिल अंदर ले जाने की पैरवी होती रही, लेकिन ताला लगने के बाद किसी की नहीं सुनी गयी. डीएम ने फर्जी निकासी पर रोक लगाने के लिए 25 मार्च के बाद बिल कोषागार में जमा करने पर रोक लगायी थी. डीएम ने कोषागार पदाधिकारी को निर्देश दिया था कि किसी भी हाल में 25 मार्च के बाद आगे बिल नहीं लेंगे. हालांकि डीएम के इस निर्देश का कितना पालन हुआ यह तो कोषागार पदाधिकारी ही बता सकते हैं. जब प्रभात खबर ने कोषगार पदाधिकारी से पूछा, तो उन्होंने कहा कि फर्जी निकासी को रोकने के लिए दिये गये निर्देशों का पालन किया गया है.
कोषागार से पास हुए 43, 800 बिल
वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन कोषागार से 43,800 बिल पास हुए. वित्तीय वर्ष 2014-15 में कुल 45,262 बिल कोषागार को प्राप्त हुए थे. जिसमें 43,800 बिल को पास कर दिया गया. वहीं 1,438 बिल पर ऑब्जेक्शन लगा है व 24 बिल पेंडिंग पड़े हैं. सूचना व जन संपर्क अधिकारी रविभूषण सहाय ने बताया कि इस बार कार्यालय अवधि में ही कोषागार बंद हो गया था व समय के बाद कोई भी भुगतान नहीं किया गया.