दवा खरीद को लेकर स्वास्थ्य विभाग सख्त

पटना : बीएमएसआइसीएल ने जहां अस्पतालों को दवा देने के लिए 15 मई का टारगेट बनाया है, वहीं पिछले एक माह से मेडिकल कॉलेजों के ओपीडी में दवाओं की संख्या घट कर 10 तक रह गयी है. ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने शुक्रवार को तेवर सख्त करते हुए परचेज कमेटी के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 4, 2015 6:40 AM
पटना : बीएमएसआइसीएल ने जहां अस्पतालों को दवा देने के लिए 15 मई का टारगेट बनाया है, वहीं पिछले एक माह से मेडिकल कॉलेजों के ओपीडी में दवाओं की संख्या घट कर 10 तक रह गयी है. ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने शुक्रवार को तेवर सख्त करते हुए परचेज कमेटी के सदस्यों को बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इसको लेकर सभी अधीक्षक व सिविल सजर्न को पत्र लिखा गया है. पत्र में अधीक्षक व सिविल सजर्न कमेटी के माध्यम से दवा की खरीदने को कहा गया है. विभाग के मुताबिक बीएमएसआइसीएल के पास अब भी 12 करोड़ की दवा मौजूद हैं. इस कारण से सभी प्रभारियों को उनसे भी दवा की मांगने का निर्देश दिया गया है.
ओपीडी व इमरजेंसी में दवाएं घटीं : पीएमसीएच व एनएमसीएच के ओपीडी में दवाओं की संख्या 10 पहुंच गयी है. इसके कारण मरीजों को दवा के लिए बाहर जाना पड़ रहा है. सरकार की योजना के मुताबिक अस्पताल के ओपीडी में कम से कम 42 दवाइयां और इंडोर मरीजों के लिए 122 दवाइयां होनी चाहिए, लेकिन दो माह से ओपीडी व इंडोर में दवाइयां नहीं हैं.
दवा के लिए बीएमएसआइसीएल को पत्र लिखा गया है और बार-बार रिमाइंडर भी भेजा जाता हैं, लेकिन दवा नहीं आती हैं. लोकल स्तर पर भी दवा की खरीदनी मुश्किल हैं, क्योंकि खरीद में कमेटी के सदस्य नहीं आते हैं. विभाग से कमेटी के सदस्यों का नाम मांगा गया है, जो शनिवार को भेज दिया जायेगा. हालात ऐसे हैं कि ओपीडी में दवाइयों की संख्या कम होती जा रही है.
डॉ लखींद्र प्रसाद, अधीक्षक, पीएमसीएच
मेडिकल कॉलेजों में दवा की कमी को दूर करने के लिए कमेटी बना कर दवा की खरीद होगी. इसके लिए कमेटी के सदस्यों को बदला जायेगा और इस पूरी प्रक्रिया को एक सप्ताह में पूरा कर लिया जायेगा. जो डॉक्टर परचेज कमेटी में नहीं आते हैं उनकी सूची मंगवायी गयी हैं और उनसे स्पष्टीकरण मांगा जायेगा. इसके अलावे बीएमएसआइसीएल में अभी दवाइयां मौजूद हैं, जिसको मंगवाने के लिए सभी को निर्देश दिया गया हैं.
ब्रजेश मेहरोत्र, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग

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