केंद्र बना रहा मुटठी भर लोगों की योजनाएं : श्याम रजक
केंद्र बना रहा मुटठी भर लोगों की योजनाएं : श्याम रजकजगजीवन राम शोध अध्ययन संस्थान में मनी बाबू जगजीवन राम की जयंतीसंवाददाता.पटना बाबू जगजीवन राम के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब हम उनके विचारों एवं आदशार्ें को सच्चे मन से अपने जीवन में उतारेंगे. बाबू जी का सपना था समावेशी विकास एवं समाज. वे […]
केंद्र बना रहा मुटठी भर लोगों की योजनाएं : श्याम रजकजगजीवन राम शोध अध्ययन संस्थान में मनी बाबू जगजीवन राम की जयंतीसंवाददाता.पटना बाबू जगजीवन राम के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब हम उनके विचारों एवं आदशार्ें को सच्चे मन से अपने जीवन में उतारेंगे. बाबू जी का सपना था समावेशी विकास एवं समाज. वे सभी वर्गों, संप्रदायों को राष्ट्र की मुख्य धारा में लाना चाहते थे. आज मजदूर या गरीब के लिए नहीं, बल्कि मुट्ठी भर लोगों के लिए ही योजनाएं बन रही हैं. ये बातें खाद्य आपूर्ति व उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक ने रविवार को बाबू जगजीवन राम की 108वीं जयंती के अवसर पर जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान में आयोजित गोष्ठी में कहीं. इस अवसर पर साहित्यकार आलोक धन्वा ने कहा कि बाबू जी हमारे पुरखों में शामिल हैं. उन्हें दलित नेता के रूप में सीमित करके देखना सही नहीं होगा. वे राष्ट्र के अग्रणी नेताओं में से एक थे. प्रो अभय कुमार ने कहा कि बाबूजी के बहुआयामी व्यक्तित्व के मूल्यांकन की आवश्यकता है. दलित आंदोलन में बाबू जी दलितों को मुख्यधारा में रखकर उनके उत्थान की बात करते थे. अजय कुमार त्रिवेदी ने कहा कि यह शोध का विषय है कि इतनी योग्यताओं के बाद भी उन्हें प्रधानमंत्री क्यों नहीं बनाया गया. इस अवसर पर संस्थान के निदेशक श्रीकांत, वरिष्ठ पत्रकार हेमंत, प्रो आर सी चौधरी, पूर्व विधायक नंद किशोर राम, डा रमाकांत शर्मा, कवि प्रभात सरसिज, पत्रकार कुमार गौरव और राकेश आदि मौजूद थे. मंच संचालन डा मनोरमा सिंह ने किया. स्वागत भाषण डा वीणा सिंह व धन्यवाद ज्ञापन अरूण कुमार सिंह ने किया.