लालू का पप्पू यादव पर वार, रहना है रहें या जायें

पटना: राजद की कार्यकारिणी में सांसद पप्पू यादव के उठाये गये सवाल को सिरे से खारिज करते हुए लालू प्रसाद ने स्पष्ट कर दिया कि राजद का छह दलों में विलय हो चुका है. जिनको उनके साथ रहना हैं वे रहें. जिनका साथ छोड़कर जाना है, वे चले जाये. उन्होंने वैसे सभी नेताओं को स्वतंत्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 6, 2015 6:39 AM
पटना: राजद की कार्यकारिणी में सांसद पप्पू यादव के उठाये गये सवाल को सिरे से खारिज करते हुए लालू प्रसाद ने स्पष्ट कर दिया कि राजद का छह दलों में विलय हो चुका है. जिनको उनके साथ रहना हैं वे रहें. जिनका साथ छोड़कर जाना है, वे चले जाये. उन्होंने वैसे सभी नेताओं को स्वतंत्र कर दिया है.

बड़े लक्ष्यों के लिए नेताओं को इगो त्यागना होगा. उन्होंने कार्यकर्ताओं का मान सम्मान का ख्याल रखा है और भविष्य में भी उनका सम्मान किया जायेगा. लालू प्रसाद ने कार्यकारिणी में ही अपने वसियत की घोषणा भी कर दी. उन्होंने कहा कि उनकी विरासत का वारिस उनका पुत्र होगा. जो लोग उत्तराधिकारी बनने का सपना देख रहे हैं, वह सपने में ही रह जायेंगे.

कार्यकारिणी की बैठक में राजद सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं की भावनाओं का ख्याल रखते हुए गंठबंधन कर चुनाव लड़ा जाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो पार्टी की स्थिति पानी में चीनी मिलाने जैसी हो जायेगी जिसमें बाद में खोजने पर चीनी का पता कहीं नहीं चलेगा. इन बातों और परिस्थितियों को देखते हुए और आकलन करते हुए उसके बाद कोई विचार विमर्श किया जाये.

इस पर लालू प्रसाद ने कहा कि किसकी क्या मंशा है, उनको मालूम है. पार्टी छोड़कर जिसको जाना है वह चला जाये. इधर राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने तीन मुद्दों को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में रखी. उन्होंने कहा कि सेकुलर मतों को एकजुट कर एक दल बनाया जाये. इसके अलावा जो दल जनता दल परिवार में नहीं मिल सकते, उनके साथ तालमेल की कोशिश की जाये. इसमें कांग्रेस व वाम दो हो सकते है. अगर ऐसा नहीं किया गया तो दिल्ली चुनाव का परिणाम सामने है. वहां पर सभी दल अलग-अलग होकर चुनाव लड़े और जनता एक हो गयी. परिणाम सबके सामने है.

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