जल, जंगल, जमीन के सच्चे रक्षक हैं आदिवासी, इन्हें बचाना जरूरी

पटना: जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि आदिवासी समुदाय संपूर्ण मानव जाति का रक्षक है. इसलिए उनकी सुरक्षा व प्रगति भी पूरे मानव जाति का दायित्व बनता है. जदयू कार्यालय में आयोजित जदयू के आदिवासी प्रकोष्ठ की राज्यस्तरीय बैठक में उन्होंने कहा कि जल, जंगल और जमीन के बिना मानव अस्तित्व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 6, 2015 6:40 AM
पटना: जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि आदिवासी समुदाय संपूर्ण मानव जाति का रक्षक है. इसलिए उनकी सुरक्षा व प्रगति भी पूरे मानव जाति का दायित्व बनता है. जदयू कार्यालय में आयोजित जदयू के आदिवासी प्रकोष्ठ की राज्यस्तरीय बैठक में उन्होंने कहा कि जल, जंगल और जमीन के बिना मानव अस्तित्व की कल्पना नहीं की जा सकती और आदिवासी समुदाय इन तीनों जरूरी तत्वों की रक्षा में पूरी दुनिया में सबसे आगे है.

जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अधिकांश सरकारों ने आदिवासियों की प्रगति के लिए जरूरी और सही कदम नहीं उठाये, जिसके कारण यह समुदाय शिक्षा के मामले में पिछड़ा है और गरीब है. जदयू जिस प्रकार से सभी वंचित वर्ग के विकास का दृष्टिकोण रखता है, उसी प्रकार आदिवासियों में शिक्षा के प्रसार और उनकी प्रगति की बात सोचता है. उन्होंने प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं को आह्वान किया कि कितना भी कष्ट ङोलना पड़े, मगर अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा जरूर दें.

वे पढ़ेंगे तभी आगे बढ़ेंगे. इस मौके पर खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक ने कहा कि राज्य में आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए जनवितरण प्रणाली की दुकानों के आवंटन में आदिवासी आवेदनों को नियमानुसार लाभ दिया जायेगा. साथ ही खाली दुकानों का उन्हें नियमानुसार आवंटन किया जायेगा. बैठक में आदिवासी प्रकोष्ठ के नेताओं ने भी सुझाव दिया कि आदिवासियों को न्यूनतम पांच फीसदी आरक्षण देने का केंद्र सरकार का नियमन है, जबकि बिहार में यह आरक्षण केवल एक फीसदी है. इसे सुधारा जाना चाहिए. बैठक में आदिवासी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष राधा कृष्ण प्रसाद, डा. वीरेंद्र कुमार गोंड़, जगदीश सोखइत, सलाखो देवी, बीना हेम्ब्रम, हरिकिशुन उरांव, सहदेव उरांव समेत जदयू के महासचिव डा. नवीन कुमार आर्य मौजूद थे.

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