पटना: भाजपा के महिला महासम्मेलन में बिहार में नीतीश कुमार की सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया गया. साथ ही सत्ता में आने पर महिला सशक्तीकरण के लिए कई कदम उठाने का वादा भी किया गया. प्रदेश भाजपा महिला मोरचा द्वारा आयोजित इस महासम्मेलन में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने अपील की कि बिहार में जंगल राज-दो को लौटने न दें.
कहा कि महिला मोरचा बिहार की सत्ता पलटने को तैयार है. एक-एक बूथों पर महिलाओं के वोट की पहचान कर भाजपा की जीत पक्की करते हुए कमल खिलाएं.उन्होंने कहा कि हम मातृ शक्ति हैं, हम आशीर्वाद देते हैं, लेते नहीं हैं.
महिलाएं कभी झूठ नहीं बोलती हैं. महिलाओं के प्रति भाजपा के नजरिये की प्रशंसा करते हुए केंद्रीय मंत्री कहा कि राज्यसभा में विरोध के बावजूद हमने महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की पहल की. बिहार से एक राज्यपाल बनाने की बात हुई, तो मृदुला सिन्हा को राज्यपाल बनाया गया. मोतिहारी में महात्मा गांधी के नाम पर विश्वविद्यालय बनाने के लिए केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह की प्रशंसा करते हुए ईरानी ने कहा कि कांग्रेस ने वोट के लिए गांधी का इस्तेमाल किया, लेकिन सरकार में रहते हुए विश्वविद्यालय बनाने की कोशिश नहीं की.
उन्होंने कहा कि 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों से बिहार को सबसे अधिक लाभ मिला है. उन्होंने कहा केंद्र सरकार कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल बनाना चाहती है. इसके लिए केंद्र धन देगा, क्योंकि यह धन देश का है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जमीन दे, तो केंद्र सरकार बिहार में केंद्रीय विद्यालय खोलेगी. महिलाओं की समस्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि देश में 45 प्रतिशत दुष्कर्म शौच जाने के दौरान होता है, इसलिए पीएम ने महिलाओं को सम्मान देने के लिए शौचालय बनाओ अभियान शुरू किया. उन्होंने कहा कि राजनीति मे भी स्वच्छता अभियान की जरूरत है. महिलाओं से बिहार में भाजपा का सरकार बनाएं. मंच पर बैठे पुरुष नेताओं से उन्होंने कहा कि महाभारत में युद्ध के दौरान श्रीकृष्ण सारथी थे. उसकी तरह बिहार विधानसभा चुनाव अभियान का सारथी बिहार की महिला होगी.
लालू से समझौता कर नीतीश ने वजूद खत्म कर ली
पटना हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद से समझौता कर अपनी राजनीतिक वजूद खत्म कर ली है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की राजनीतिक कद लालू प्रसाद के विरोध से बनी थी.