पटना: नीतीश सरकार होश में आओ, बिहार सरकार नींद से जागो, हमारी मांगें पूरी करो के नारों के साथ अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे कई संगठनों ने जुलूस-प्रदर्शन व सभा के जरिये सरकार को जगाने की एक बार फिर कोशिश की. अमीन संघ जिंदाबाद, शिक्षक यूनियन जिंदाबाद, रोजगार सेवक-जीविकाकर्मी अमर रहे जैसे नारों से उनकी कोशिश थी कि सरकार अब अंतिम निर्णय ले. एक साथ टीइटी उत्तीर्ण शिक्षकों, अमीनों रोजगार सेवकों व जीविकाकर्मियों ने जुलूस निकाला.
दोपहर 12 बजे के आसपास कई संगठनों ने गांधी मैदान से डाकबंगला चौराहा होते हुए आर ब्लॉक तक अपना आक्रोश जाहिर किया. चारों संघ के प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में जुटे थे. इसलिए दोपहर दो बजे ही आर ब्लॉक चौराहे को बंद करना पड़ा. इस दौरान डाकबंगला पर लगे नये ट्रैफिक लाइट को भी बंद करना पड़ा, क्योंकि नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था.
गांधी मैदान से शुरू हुआ प्रदर्शन
गांधी मैदान से पुलिस की मौजूदगी में अमीन संघ का प्रदर्शन शुरू हुआ, उन्होंने नियुक्ति प्रक्रिया में खड़ी समस्याओं व विभाग द्वारा अड़ियल रवैये का विरोध किया. इसके बाद जीविका कर्मचारी वेलफेयर एसोसिएशन के लगभग एक हजार कर्मचारियों ने गांधी मैदान से पैदल मार्च निकाला. बिहार स्टेट पंचायत रोजगार सेवक संघ के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे रोजगार सेवकों का कहना था कि उनका समायोजन तृतीय श्रेणी के कर्मचारी के तौर पर किया जाये और मानदेय का निर्धारण हो. वहीं टीइटी-एसटीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ ने विधानसभा घेराव को लेकर अपना जुलूस पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत निकाला.
न्यायमित्रों के साथ अन्याय
बिहार राज्य न्याय मित्र संघ ने बिहार ग्राम कचहरी न्यायमित्र ( नियोजन, सेवाशर्त व कर्तव्य संशोधन) नियमावली 2015 को पूरी तरह से छलावा बताया है. संघ ने कहा है कि न्यायमित्रों के हित के नाम पर उनके साथ अन्याय किया गया है. नयी नियमावली में बड़े ही चालाकी से ग्राम कचहरी न्यायमित्र नियमावली 2007 के तहत दिये गये प्रति माह नियत किये गये निर्धारित शुल्क की जगह अब नियत फीस कर दिया गया है. किसी माह एक भी मुकदमा नहीं आने पर उन्हें कोई भी राशि देय नहीं होगी. इसको लेकर सोमवार को बैठक आहूत की गयी.
काम का करेंगे बहिष्कार
बिहार राज्य पंचायत तकनीकी सहायकों ने स्थायीकरण की मांग को लेकर कार्य बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. संघ के प्रदेश संयोजक अनिल कुमार ने बताया कि यदि हमारे भविष्य का फैसला नहीं हुआ, तो हम फिर निर्णायक लड़ाई के लिए हड़ताल पर जायेंगे. संघ के प्रतिनिधिमंडल ने पंचायती राज मंत्री से मुलाकात कर अपनी बातें रखी.
सभापति के आश्वासन के बाद अनशन समाप्त
विधान परिषद् के सभापति के आश्वासन पर टीइटी-एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ ने अनशन समाप्त कर दिया है. संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष मार्केण्डेय पाठक ने बताया कि सभापति ने संघ के प्रतिनिधियों को लिखित अनुरोध पत्र दिया है, जिसमें आठ अप्रैल को शिक्षा मंत्री से संघ की वार्ता की बात कही गयी है. उन्होंने कहा कि आठ को वार्ता विफल होने की स्थिति में राज्यव्यापी तालाबंदी कार्यक्रम को समर्थन दिया जायेगा. इस संबंध में हाइकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया जायेगा. सभापति से मुलाकात करनेवालों में बिहार राज्य नियोजित शिक्षक संघर्ष मोरचा के घटक संघ बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ व नवनियुक्त माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष भी थे. उन्होंने सूबे के चार लाख नियोजित शिक्षक व पुस्तकालयाध्यक्ष के वेतनमान सहित तमाम समस्याओं को प्रमुखता से रखा. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने स्पष्ट किया कि शिक्षक तत्काल प्रभाव से लाभान्वित होंगे. इधर, प्रदेश माध्यमिक शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ ने सात अप्रैल से होनेवाले सामूहिक उपवास व आमरण अनशन को स्थगित कर दिया है.