तफतीश जारी: बिहार में पांव पसारने की संगठन की हो रही कवायद पीएलएफआइ से जुड़ रहा लिंक
पटना: प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआइ से अब बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी बम विस्फोट के लिंक लगातार जुटते जा रहे हैं. पटना पुलिस के अनुसंधान में यह बात सामने आ रही है कि पीएलएफआइ अब झारखंड के बाद बिहार में भी अपनी पांव पसारने की तैयारी कर रही है. इसी उद्देश्य को लेकर झारखंड से टाइमर बम को […]
पटना: प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआइ से अब बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी बम विस्फोट के लिंक लगातार जुटते जा रहे हैं. पटना पुलिस के अनुसंधान में यह बात सामने आ रही है कि पीएलएफआइ अब झारखंड के बाद बिहार में भी अपनी पांव पसारने की तैयारी कर रही है. इसी उद्देश्य को लेकर झारखंड से टाइमर बम को पटना लाया गया था, ताकि कुछ जगहों पर विस्फोट करा कर व्यवसायियों के बीच भय व दहशत का माहौल बना कर रंगदारी वसूली जा सके.
इसके साथ ही यह भी बात सामने आयी है कि कुंदन को केवल माध्यम बनाया गया था. बम को सोनू व छोटू ने पटना लाया था और कुंदन को दिया था. इसी दौरान बम विस्फोट कर गया. एसएसपी जितेंद्र राणा ने बताया कि अनुसंधान में बम विस्फोट का लिंक अब पीएलएफआइ से लगातार जुड़ रहा है. कुंदन एक मात्र माध्यम था. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि हो सकता है कि संगठन बिहार में भी अपने पांव पसारने की योजना के तहत बम लाया हो. उन्होंने कहा कि जब तक बम पहुंचानेवाला छोटू व सोनू नहीं पकड़ा जाता है, तब तक पूरी स्थिति की जानकारी नहीं मिल सकती है.
संतोष व राकेश की भी हो रही तलाश
यह गिरोह मूल रूप से पहले नौकरी लगाने का झांसा दे कर फर्जीवाड़ा का काम करता था. इस काम में कुंदन के साथ संतोष व राकेश भी शामिल थे. ये सभी भी नालंदा के थे. अक्तूबर 2014 में कुंदन के साथ राकेश को भी फर्जीवाड़ा के आरोप में पकड़ा गया था. इसमें यह बात सामने आयी थी कि संतोष इस गिरोह का मास्टर माइंड है. इसके लिए पटना पुलिस अब संतोष की तलाश में है, ताकि उससे भी पूछताछ की जा सके.
राहुल को लिया जायेगा रिमांड पर
मसौढ़ी जेल में फिलहाल बंद राहुल को पटना पुलिस रिमांड पर लेगी. राहुल भी कुंदन के गिरोह में था और यह भी मास्टर माइंड था. यह पिछले साल नवंबर माह में मसौढ़ी व अन्य इलाकों में नक्सली गतिविधि में शामिल रहने के आरोप में जेल गया था. इस पर आरोप था कि इसने नक्सली संगठन के इशारे पर जगह-जगह पर पोस्टर चस्पा किया था. इसके बाद ही इसे मसौढ़ी में पकड़ लिया गया था. राहुल भी कुंदन के चिकसौरा गांव का ही रहनेवाला है.
दोनों को लाया गया था एसएसपी ऑफिस
बम विस्फोट कांड में पकड़े गये कुंदन व विक्की से मंगलवार को खुद एसएसपी जितेंद्र राणा ने पूछताछ की. दोनों को गांधी मैदान स्थित एसएसपी कार्यालय लाया गया था और फिर उनसे बम के संबंध में पूछताछ करने के बाद वापस भेज दिया गया. इस दौरान एसएसपी के साथ उनके कार्यालय में एसपी (पूर्वी) सुधीर कुमार पोरिका, पटना सिटी डीएसपी राजेश कुमार, अगमकुआं थानाध्यक्ष विनय कुमार शर्मा व आसूचना इकाई के तमाम पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे.
आज कोर्ट में होगी पेशी
बम ब्लास्ट के आरोपित कुंदन व विक्की की रिमांड की मियाद बुधवार को खत्म हो जायेगी. इसके बाद पुलिस उसे व्यवहार न्यायालय पटना सिटी में पेश करेगी. इसको लेकर सुरक्षा के इंतजाम भी किये गये हैं. डीएसपी राजेश कुमार ने बताया कि इस मामले का जल्द की खुलासा हो जायेगा. इससे जुड़े हर तार उभर कर सामने आयेगी, पुलिस टीम इस दिशा में लगातार कार्य कर रही है. मालूम हो कि शनिवार को पुलिस ने चार दिनों के रिमांड पर दोनों को लिया था. उधर कुंदन व विक्की से एनआइए की टीम भी पहुंची. टीम के सदस्यों को पूछताछ में अहम सुराग हाथ लगे हैं.
टाइमर बम बनाने में है एक्सपर्ट
झारखंड में सक्रिय उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ टाइमर बम बनाने में एक्सपर्ट है. संगठन के सदस्य आधुनिक तरीके से लैंड माइंस और टाइमर बम बनाने तथा उसे प्लांट करने की ट्रेनिंग ले चुके हैं. इसके संकेत तब मिले थे, जब करीब डेढ़ साल पहले सिमडेगा में छापेमारी कर पुलिस व सीआरपीएफ बटालियन ने भारी मात्र में विस्फोटक व टाइमर बरामद किया था. विस्फोटक की जांच पुणो के चर्चित फॉरेंसिक लैब से करायी गयी थी. इस दौरान जांच रिपोर्ट के आधार पर पुणो से सीआरपीएफ के तत्कालीन कमाडेंट कमाल साहब ने पीएलएफआइ द्वारा टाइमर बम बनाने की दक्षता की पुष्टि की थी. अब जब पटना में टाइमर बम के फटने और बरामद होने की बात सामने आयी है, तो पूरे मामले को पीएलएफआइ से जोड़ कर देखा जा रहा है.
दरअसल पटना पुलिस व अन्य जांच संगठन का अनुसंधान अब तक इस नतीजे पर नहीं पहुंचा है कि सोनू, कुंदन और उसके साथियों को किस संगठन ने बम मुहैया कराया है. वह संगठन आतंकवादी है या नक्सली, यह भी साफ नहीं हो पाया है. हालांकि पुलिस मौके से बरामद बम में इस्तेमाल किये गये विस्फोटक पदार्थ व टाइमर, कनेक्टर सभी की जांच कर रही है. साथ ही सिमडेगा से बरामद विस्फोटक व टाइमर की स्थिति का मिलान पटना में बरामद बम व टाइमर से किये जाने की चर्चा है.
लोटस घड़ी के सेल का सीरियल नंबर
पुलिस सूत्रों की मानें तो बहादुर हाउसिंग कॉलोनी में जो टाइमर बम बरामद हुए हैं, उनमें लगी लोटस कंपनी की घड़ी के सेल का सीरियल नंबर भी पुलिस पड़ताल कर रही है. इससे साफ हो सकेगा कि टाइमर बम बनाये जाने में लोटस घड़ी की खरीद किस शहर से हो रही है. इसके बाद जांच की दिशा तय होगी. इसके अलावा अन्य बिंदुओं पर भी पुलिस जांच कर रही है.
कुंदन जालसाज गिरोह का सरगना भी तो नहीं!
बम ब्लास्ट का आरोपित कुंदन लोगों से एटीएम का पिन कोड पूछ कर पैसा निकालने वाले गिरोह का सरगना तो नहीं है? इस बात की आशंका इसलिए जतायी जा रही है, क्योंकि जनवरी में मधुबनी के मूल निवासी व पेशे से कृषक मो शोएब अख्तर को एक जालसाज ने टावर लगा कर कमाई करने का झांसा दिया था और फिर अपने एकाउंट में 70 हजार डलवा लिया था. इस मामले में शोएब अख्तर ने स्थानीय थाने में मामला दर्ज कराया था. इसमें इस बात की जानकारी मिली थी कि पटना से फोन कर झांसा दिया गया था. इसके साथ ही यह मालूम हुआ था कि उक्त सिम का मालिक दरभंगा का गोपाल तांती है. कुंदन के पास भी जो सिम बरामद हुआ है, वह दरभंगा के किसी गोपाल तांती के नाम पर है. इससे फिलहाल यह प्रतीत होता है कि कुंदन इस तरह के धंधे में भी शामिल था. हालांकि पुलिस इस बिंदु पर फिलहाल कुछ नहीं बोल रही है, लेकिन वह हर बिंदु परजांच चलने की बात कह रही है.