वाणिज्यिक उड़ान के लिए खुले बिहटा एयरपोर्ट: रूडी
पटना: डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) द्वारा खतरनाक घोषित पटना के लोकनायक जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विकल्प के तौर पर बिहटा और गया एयरपोर्ट का वाणिज्यिक इस्तेमाल किया जा सकता है. केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता सह संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूडी ने इसको लेकर केंद्र सरकार की हुई उच्चस्तरीय बैठक में […]
पटना: डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) द्वारा खतरनाक घोषित पटना के लोकनायक जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विकल्प के तौर पर बिहटा और गया एयरपोर्ट का वाणिज्यिक इस्तेमाल किया जा सकता है.
केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता सह संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूडी ने इसको लेकर केंद्र सरकार की हुई उच्चस्तरीय बैठक में विस्तृत कार्ययोजना पेश की है. उन्होंने पटना हवाई अड्डे के विकल्प के तौर पर चार प्रस्ताव दिये हैं, जिनमें बिहटा और गया एयरपोर्ट को वाणिज्यिक उड़ान के लिए खोलने या फिर डोरीगंज-नयागांव-दिघवारा अथवा गंगा दियारा क्षेत्र में नया एयरपोर्ट बनाना शामिल है.
पटना हवाई अड्डे की दुर्दशा के लिए लालू प्रसाद और नीतीश कुमार जिम्मेवार
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में केंद्रीय विमानन मंत्री गजपति राजू भी मौजूद रहे. केंद्रीय विमानन मंत्री ने अफसोस जताते हुए कहा कि यह देश का पहला एयरपोर्ट है, जिसे डीजीसीए द्वारा जहाजों के उड़ान हेतु लाइसेंस न मिलने के बावजूद लगातार विमानों का परिचालन किया जा रहा है. कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने पटना हवाई अड्डे की वर्तमान स्थिति के लिए पूरी तरह नीतीश व लालू प्रसाद को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि लालू यादव की सरकार के समय से ही हवाई अड्डे की पट्टी के विस्तार को लेकर निरंतर प्रयास किये, लेकिन लालू प्रसाद ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि हवाई यात्र बड़े लोगों के लिए है. छोटे लोग तो बस और ट्रेन में सफर करते हैं. नीतीश कुमार के मुख्यमंत्रित्व काल में भी उन्होंने पटना हवाई अड्डे के स्थानांतरण व विस्तार की कार्ययोजना के साथ कई बार मुख्यमंत्री और प्रधान सचिव से मुलाकात की, पर नीतीश कुमार को नालंदा के अतिरिक्त और कोई क्षेत्र नहीं दिखता था.
ये हैं रूडी के चार प्रस्ताव
1. बिहटा एयरपोर्ट
पटना से कुछ ही दूरी पर मौजूद बिहटा एयरपोर्ट का वाणिज्यिक इस्तेमाल किया जा सकता है. वर्तमान में बिहटा एयरपोर्ट का इस्तेमाल इंडियन एयर फोर्स कर रही है, जिसमें फिलहाल वायुसेना के चयन प्रक्रिया के लिए परीक्षा होती है. इलाहाबाद, गुवाहटी, जम्मू, श्रीनगर, रांची, पोर्ट ब्लेयर और गोवा हवाई अड्डे भी एयरफोर्स के सहयोग से ही संचालित होते हैं, जो कि पटना में भी संभव है. खराब मौसम में भी पटना की तुलना में बिहटा में विमान उतारना आसान होगा.
2. गया एयरपोर्ट
गया एयरपोर्ट को वाणिज्यिक उपयोग के लिए खोला जाय. गया के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की दूरी पटना से लगभग 100 किमी है. यहां सप्ताह में कुछ हवाई जहाज उतरते और उड़ान भरते हैं. यहां से हज यात्र के दौरान दोहा और कतर के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन भी होता है. यदि गया एयरपोर्ट सेना को सौंप दिया जाय तो रक्षा मंत्रलय की सहमति से सिविल एंकलेव के तहत गया एयरपोर्ट के आठ हजार फिट के हवाई पट्टी का उपयोग वाणिज्यिक उड़ानों के लिए किया जाता है.
3. दिघवारा के समीप
नवनिर्मित डोरीगंज-नयागांव-दिघवारा गंगा सेतु के निर्माण से राजधानी पटना से इस क्षेत्र की दूरी मात्र पंद्रह मिनट की हो जायेगी. आरा-डोरीगंज सेतु के कारण यह क्षेत्र राज्य के लगभग सभी जिलों से सीधे जुड़ जायेगा. इस क्षेत्र में उपलब्ध भूमि का राज्य सरकार की सहमति से अधिग्रहण कर यहां पटना शहरी विकास द्वारा न्यू पटना बसाया जा सकता है. यहां कोलकाता से पटना जलमार्ग का विस्तार किये जाने का प्रस्ताव है और गंगा नदी पर नवनिर्मित सेतु के कारण यह क्षेत्र रेल और सड़क मार्ग से भी जुड़ जायेगा. इससे यह क्षेत्र नये अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के लिए उपयुक्त होगा.
4. दियारा क्षेत्र
पटना से सटे गंगा दियारा क्षेत्र में नये एयरपोर्ट का निर्माण हो सकता है. पटना के नजदीक दियारा क्षेत्र में नदी के सिमटने से लगभग पांच हजार एकड़ भूमि नदी के बाहर आ गयी है, जिस पर राज्य सरकार का स्वामित्व है. इस क्षेत्र के निकट ही कोलकाता से पटना के लिए जलमार्ग भी है. गंगा नदी पर नवनिर्मित सेतु के कारण यह क्षेत्र रेल मार्ग और सड़क मार्ग से भी जुड़ जायेगा. इस क्षेत्र में न्यू पटना बसा कर एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण किया जा सकता है.