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जदयू-राजद का विलय सिद्धांतों पर नहीं

पटना : झारखंड हाइकोर्ट से जमानत मिलने के बाद पटना लौटने पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र ने कहा कि विलय सिद्धांतों पर होता है, लेकिन जदयू-राजद के सिद्धांत एक नहीं हैं. नीतीश कुमार और देश के लिए यह विलय घातक साबित होगा. जदयू राजद विरोधी राजनीति के कारण ही सत्ता में है. 12, बेली […]

पटना : झारखंड हाइकोर्ट से जमानत मिलने के बाद पटना लौटने पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र ने कहा कि विलय सिद्धांतों पर होता है, लेकिन जदयू-राजद के सिद्धांत एक नहीं हैं. नीतीश कुमार और देश के लिए यह विलय घातक साबित होगा. जदयू राजद विरोधी राजनीति के कारण ही सत्ता में है.
12, बेली रोड में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 17 सालों तक जिस भाजपा के साथ जदयू रहा, उससे अलग होने पर विचारधारा कैसे बदल सकती है?
जदयू की नजर में भाजपा सांप्रदायिक पार्टी है, तो यह एकाएक कैसे गया है? 2005 हो या फिर 2010 विधानसभा चुनाव, उसमें बहुमत जदयू या सिर्फ नीतीश कुमार को नहीं, बल्कि एनडीए को मिला था. नीतीश कुमार को चाहिए था कि ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की तरह वह भी चुनाव के समय भाजपा से अलग होते और जनता के पास जाते. डॉ मिश्र ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस और एनसीपी का साथ राजद के कारण ही छोड़ा था.
1990 से उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है. कभी आवास के नाम पर तो कभी चारा घोटाले के नाम पर. प्रदेश में जनता दल, राष्ट्रीय जनता दल और फिर जनता दल यूनाइटेड की सरकार रही सभी ने टारगेट कर प्रताड़ित किया है. चारा घोटाले मामले पर उन्हें 19 सालों से मानसिक, आर्थिक, राजनीतिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में आवास भी सही रूप से नहीं दिया जा रहा है. मांझी सरकार ने 12, बेली रोड आवास आवंटित किया था, लेकिन अब उसे रद्द कर दिया गया है. अगर पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधा मिलनी है, तो सभी को समान रूप से मिले. पक्षपात न हो.

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