अब हर साल नहीं बदले जायेंगे टाइल्स

पटना: अफसरों के आवास में हर साल अब टाइल्स नहीं लगेंगे. हर साल बाथरूम में फर्श व दीवालों पर टाइल्स सहित आदि बदले जाने पर रोक लगेगी. भवन निर्माण विभाग ने इन चीजों पर रोक लगाने का निर्णय लिया है. जिले में पदस्थापित वरीय अधिकारियों के सरकारी आवास में हर साल कुछ-न-कुछ बदला जाता है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 12, 2015 6:10 AM
पटना: अफसरों के आवास में हर साल अब टाइल्स नहीं लगेंगे. हर साल बाथरूम में फर्श व दीवालों पर टाइल्स सहित आदि बदले जाने पर रोक लगेगी. भवन निर्माण विभाग ने इन चीजों पर रोक लगाने का निर्णय लिया है. जिले में पदस्थापित वरीय अधिकारियों के सरकारी आवास में हर साल कुछ-न-कुछ बदला जाता है. इस पर काफी खर्च होता है. भवन निर्माण विभाग की प्रधान सचिव अंशुली आर्या ने सभी डीएम को इस आशय का स्पष्ट निर्देश दिया है.
खर्च अधिक, पर सुधार नहीं : प्रधान सचिव ने कहा कि सरकारी भवनों के रखरखाव और मरम्मत पर पहले से ज्यादा राशि खर्च हो रही है. इसके बावजूद सरकारी भवनों की स्थिति में कोई व्यापक सुधार देखने को नहीं मिल रहा है. ऐसी स्थिति में विभाग ने निर्णय लिया है कि हर साल भवन की मरम्मत कराना संभव नहीं है. सरकारी भवन की मरम्मत में प्राथमिकता निर्धारित करने में तीन वर्ष का रोस्टर तैयार किया गया है. निर्धारित अवधि के भीतर किसी भवन को दुबारा मरम्मत नहीं करना है. आवास परिवर्तन करने के मामले में साधारण मरम्मत का कार्य इससे प्रभावित नहीं होगा.
रकबे के आधार पर खर्च : तृतीय व चतुर्थ वर्गीय कर्मियों के आवास पर भी विभाग ने कड़ा निर्देश जारी किया है. रकबा के आधार पर खर्च सुनिश्चित का टास्क दिया गया है. सरकारी आवास में स्वच्छता, अधिष्ठापन व जलापूर्ति कार्य का रखरखाव व मरम्मत का दायित्व भवन निर्माण विभाग के जिम्मे है. प्रधान सचिव ने विभागीय अधीक्षण अभियंता को कुरसी क्षेत्रफल के आधार पर आवंटित की जानेवाली राशि के अंतर्गत सरकारी भवनों के रख-रखाव व संधारण के संबंध में कहा है. गैर न्यायिक भवनों के लिए पटना शहरी क्षेत्र छोड़ कर प्राथमिकता निर्धारण समिति का गठन डीएम की अध्यक्षता में की गयी है. इसके सदस्य सचिव संबद्ध भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता होते हैं. समिति में एसपी, डीडीसी व मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी होते हैं.
भवन मरम्मत के लिए राशि निर्धारित
भवन के मरम्मत कार्य के लिए बिहार लोक निर्माण विभाग संहिता के आलोक में एक लाख से अधिक राशि के प्राक्कलन की स्वीकृति अधीक्षण अभियंता देते हैं. विशेष मरम्मत कार्य के लिए पांच लाख से अधिक राशि के प्राक्कलन कार्य में कमरा बनाना, चहारदीवारी का निर्माण आदि करना है. किसी भी दशा में अनुरक्षण व मरम्मत मद से नहीं कराना है.

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