पटना: सरकार से धान लेकर चावल वापस नहीं करनेवाले राइस मिलरों पर सरकार का शिकंजा कसता जा रहा है. ऐसे बड़े बकायेदारों की सूची तैयार कर सरकार सख्ती से वसूली के अभियान को तेज कर दिया है. सात बड़े बकायेदारों पर आर्थिक अपराध इकाई में आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) में मामला दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है. इन पर आठ करोड़ से भी अधिक का बकाया है. सातों पर लगभग 81 करोड़ का बकाया है.
राज्य खाद्य निगम के एमडी एके सिंह ने राज्य खाद्य निगम के सभी जिला प्रबंध को सख्ती से वसूली का निर्देश देते हुए पांच करोड़ से अधिक के बकायेदार मिलरों पर इओयू में मामला दर्ज कराने को कहा है. निगम द्वारा जारी सूची में उक्त सात मिलरों के अलावा 19 ऐसे मिलरों पर भी एफआइआर दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिन पर पांच करोड़ से अधिक का बकाया है.
निगम के अनुसार वसूली के लिए अब तक छह मिलरों पर एफआइआर दर्ज किया जा चुका है. ऐसे मिलों पर लगभग सवा सौ करोड़ का बकाया है. निगम के अधिकारी के अनुसार इओयू में मामला दर्ज होने पर बकायेदार की संपत्ति जब्त करना आसान होगा. अधिकारी ने बताया कि सख्ती के बाद कई मिलर अब बकाये का भुगतान भी कर रहे हैं. 2011-12 में धान लेकर चावल नहीं देने वालों की जारी सूची इस प्रकार है
जिला मिलर बकाया
नालंदा पावापुरी राइस मिल, गिरियक, नालंदा 10.1594961 करोड़
सुपौल लाइफ लाइन राइस मिल, बखरी, बेगूसराय 9.0632548 करोड़
मुजफ्फरपुर मॉडर्न राइस मिल, तुर्की 21.1944965 करोड़
2012-13 में धान लेकर चावल नहीं देने वालों पर बकाया इस प्रकार है
दरभंगा जगदंबा फूड सेंटर, सुरहाचट्टी 15.07513 करोड़
सुपौल ललित राइस मिल, राघोपुर 8.4001446 करोड़
शिवहर राजू कुमार सिंह एंड संस, सीतामढ़ी 8.9442665 करोड़
2013-14 में धान लेकर चावल नहीं देने वाले बकायेदार
अररिया पूर्णिमा राइस मिल, पूर्णिया 8.2786726 करोड़