पटना: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रणाली में बुद्धिजीवियों की भागीदारी आवश्यक है. इसमें वकील, इंजीनियर व चिकित्सक जैसे पेशेवर लोग शामिल हैं. ऐसे लोगों के राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल नहीं होने का परिणाम गंभीर होगा. वर्तमान समय में राजनीति में बुद्धिजीवियों की सक्रिय भागीदारी नहीं होने का परिणाम हैं कि चुनाव में वैसे लोग निर्वाचित होकर आ रहे हैं, जिन्हें लोग नापसंद करते हैं.
वे मंगलवार को बिहार स्टेट बार काउंसिल में आयोजित अभिनंदन समारोह सह ‘वर्तमान परिस्थिति में अधिवक्ताओं की भूमिका’ पर सेमिनार को संबोधित कर रहे थे. राजनीतिज्ञों की विश्वसनीयता पर उठ रहे सवालों का जिक्र करते हुए उन्होंने एक वाकया की चर्चा की. उन्होंने बताया कि दिल्ली के एक होटल में भोजन के लिए वे कुछ नेताओं के साथ पहुंचे. वहां एक परिवार पहले से ही खाने के इंतजार में बैठा था. वे कुरता-पायजामा पहनकर होटल में पहुंचे थे. जैसे ही वे अपने साथियों के साथ बगल के टेबल पर बैठे, वह परिवार चार टेबल अलग हट कर बैठ गया. उन्होंने कहा कि यह आम जनता में राजनीति को लेकर बन रही धारणा है, जिसे राजनीति में शामिल होकर बुद्धिजीवी व प्रोफेशनल लोग ही दूर कर सकते हैं. पिछले कुछ दिनों इसी इलिट वर्ग द्वारा यूपीए की सरकार पर हमला बोला गया.
ऐसे में यह आवश्यक हो गया है कि इस प्रणाली में ऐसे वर्ग को शामिल किया जाये, जिससे राजनीति की विश्वसनीयता बनी रहे. उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा है कि कांग्रेस पार्टी के साथ वकील हर स्तर पर जुड़ें और अपनी सक्रिय भूमिका निभायें. वर्तमान में केंद्र सरकार में वित्त, विज्ञान एवं तकनीकी, कानून मंत्री की जिम्मेवारी वकीलों को ही दी गयी है.
निर्णय पर विवाद ठीक नहीं
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रेमचंद्र मिश्र ने कहा कि दिल्ली कोर्ट द्वारा एक आब्जव्रेशन आया और एक निर्णय आया. आब्जव्रेशन का लोगों ने स्वागत किया, जबकि कोर्ट के निर्णय का इसलिए विरोध किया गया कि वह एक कांग्रेस नेता के पक्ष में था. ऐसे में कोर्ट के निर्णय को लेकर विवाद करना लोकतंत्र में गंभीर स्थिति है.
सेमिनार को संबोधित करनेवालों में ऑल इंडिया बार काउंसिल के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्र, पटना हाइकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश चंद्र वर्मा, आशुतोष रंजन पांडेय, जीतेंद्र कुमार राय व सत्येंद्र कुमार शामिल थे. मौके पर द्विवेदी सुरेंद्र, सुनील कुमार सिंह, रामानुज तिवारी, अरुण कुमार पांडेय, राजीव नयन सिंह व कमल देव शुक्ला सहित दर्जनों की संख्या में अधिवक्ता मौजूद थे.