जजों के बरखास्तगी मामले में फैसला सुरक्षित

पटना: तीन न्यायाधीशों की बरखास्तगी के मामले पर पटना हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एल. नरसिम्हा रेड्डी व जस्टिस सुधीर सिंह ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. समस्तीपुर फैमिली कोर्ट के प्रिंसिपल जज हरि निवास गुप्ता, भोजपुर के अपर सत्र न्यायाधीश जितेंद्र नाथ सिंह, नवादा के सब जज कोमल राम को पटना हाइकोर्ट ने बरखास्त कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 17, 2015 6:01 AM
पटना: तीन न्यायाधीशों की बरखास्तगी के मामले पर पटना हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एल. नरसिम्हा रेड्डी व जस्टिस सुधीर सिंह ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. समस्तीपुर फैमिली कोर्ट के प्रिंसिपल जज हरि निवास गुप्ता, भोजपुर के अपर सत्र न्यायाधीश जितेंद्र नाथ सिंह, नवादा के सब जज कोमल राम को पटना हाइकोर्ट ने बरखास्त कर दिया था. उन पर नेपाल में छुट्टियां मनाने के दौरान अनैतिक काम करने का आरोप लगा था.

नेपाल के अखबारों में यह खबर जनवरी 2013 में छपी थी. इसी आलोक में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रेखा एम. दोषित के नेतृत्व में पटना हाइकोर्ट की फूल बेंच ने मीटिंग कर इस पर एक्शन लिया था और उन्हें बरखास्त कर दिया था. बाद में न्यायाधीशों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वे पहले हाइकोर्ट जाएं. अगर न्याय नहीं मिला तो सुप्रीम कोर्ट में आएं.

इसके बाद उन्होंने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने आश्चर्च व्यक्त किया था कि बिना जांच के न्यायाधीशों को हटाने का फैसला कैसे लिया गया. न्यायाधीशों के अधिवक्ता विंध्यकेसरी कुमार ने कोर्ट को तर्क दिया था कि यह फैसला एकतरफा था. जजों के प्रति गलतफहमी पैदा कर दी गयी थी. नेचुरल जस्टिस के पालन करने के लिए उन्हें अवसर दिया जाना चाहिए था.

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