मंत्री पद की हैसियत से बड़ा है सरयू राय का कद : सीएम

पटना: झारखंड सरकार के संसदीय कार्य और खाद्य आपूर्ति सार्वजनिक व उपभोक्ता मामले के मंत्री सरयू राय को बिहार विधान परिषद के सभागार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभिनंदन किया. झारखंड सरकार में मंत्री बनने के बाद बिहार विधानमंडल के राज्य विधायी अध्ययन व प्रशिक्षण ब्यूरो ने यह सम्मान सरयू राय को दिया. इस मौके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 17, 2015 6:07 AM
पटना: झारखंड सरकार के संसदीय कार्य और खाद्य आपूर्ति सार्वजनिक व उपभोक्ता मामले के मंत्री सरयू राय को बिहार विधान परिषद के सभागार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभिनंदन किया. झारखंड सरकार में मंत्री बनने के बाद बिहार विधानमंडल के राज्य विधायी अध्ययन व प्रशिक्षण ब्यूरो ने यह सम्मान सरयू राय को दिया. इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सरयू राय की बौद्धिक और राजनीतिक रूप से बड़ी हैसियत है. मंत्री का पद जो उन्हें दिया गया है यह अहमियत नहीं है.

सरयू राय की हैसियत मंत्री पद से कहीं बड़ा है. उनमें काबिलीयत और क्षमता बहुत है. झारखंड सरकार को इनके अनुभवों का लाभ उठाना चाहिए. उन्होंने कहा कि उन्हें सरयू राय को झारखंड बंटवारे के समय कहा था कि वे बिहार छोड़ कर झारखंड क्यों जा रहे हैं वे बिहार में रहे यही की सेवा करें. उनकी काबिलीयत व क्षमता को देख कर उन्हें यहां नहीं रहने का अफसोस होता है.

उनकी इस क्षमता व अनुभव का यूटिलाइजेशन होना चाहिए. मंत्री का पद इनके लिए ज्यादा नहीं है. देर-सबेर इनकी क्षमता को लोग मानेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड बंटवारे से पहले बिहार की आर्थिक स्थिति पर सरयू राय ने श्वेत पत्र तैयार किया था. जो काफी चर्चा में रहा और उस पर कई लेख भी आये. उन्होंने कहा कि झारखंड बंटवारे के समय बिहार में मायूसी थी और झारखंड में खुशी थी. कहा जाने लगा कि सभी रिसोर्स झारखंड में चला गया. इस पर हमने कैंपेन किया और कहा कि झारखंड में खदान व खान चला गया तो क्या हुआ हमारे पास विरासत है. बोधगया, राजगीर, नालंदा विश्वविद्यालय, विक्रमशिला हमारे पास है. हमलोग आज उस माइंडसेट से निकल चुके हैं कि झारखंड बंटवारे के बाद सब कुछ खत्म हो गया है. इस मौके पर बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, उप सभापति सलिम परवेज, विधान पार्षद हरेंद्र पांडेय, रजनीश सिंह, केदारनाथ पांडेय, मदन मोहन झा, रामवचन राय ने अपने विचार व्यक्त किये. वहीं, मंत्री पी. के. शाही, राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, रामलखन राम रमण, विधान पार्षद मंगल पांडेय, प्रो रणवीर नंदन समेत कई विधायक व विधान पार्षद मौजूद थे.

कई मामलों को सुलझाने की मांग
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बातों-बातों में झारखंड सरकार के मंत्री सरयू राय से कई मुद्दों को सुलझाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि 15 साल बाद भी पुनर्गठन के कई मुद्दे आज भी लटके हुए हैं. ऐसे मसले का निबटारा कर देना चाहिए. 15 साल बड़ा समय होता है. दिल्ली में पिछले दिनों झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास से मुलाकात हुई थी. उन्हें इसकी जानकारी दी है. उन्होंने जल्द निबटाने का भी आश्वासन दिया है. सरयू राय भी इसमें पहल करेंगे.
दोबारा राजनीति में सक्रिय होने में नीतीश का हाथ : सरयू राय
झारखंड सरकार के मंत्री सरयू राय ने कहा कि दोबारा राजनीति में सक्रिय होने में नीतीश कुमार का बड़ा हाथ है. उन्होंने कहा था कि भाजपा में जुड़े और हम लोग मिल कर काम करें. 1994 में दोबारा राजनीति में आने के बाद बिहार विधान परिषद उनका पहला प्लेटफॉर्म बना था. उसमें भाजपा के सदस्यों के साथ-साथ नीतीश कुमार व राजद के साथियों ने भी मदद की थी. सरयू राय ने कहा कि बिहार में पहले के जिस प्रकार साथी थे उनके साथ उस तरह के संबंध अब नहीं है.

कहा जाता है कि जब किसी से हमेशा संबंध मधुर रहता है तो यह रिश्ता दिमाग का रिश्ता होता है, लेकिन बीच-बीच में कभी कटुता हो जाती है और बाद में सब ठीक हो जाता है तो यह दिल का रिश्ता होता है. दिल का रिश्ता राजनीति में अनेक लोगों का रहा है. सरयू राय ने कहा कि उनका जन्म बिहार में हुआ है. झारखंड में बहुत बिहारी है. वहां उनके हितों की रक्षा करनी चाहिए. जो लोग हैं उनका ध्यान रखना हमारा कर्तव्य है. सद्भाव का वातावरण होना चाहिए. साथ ही झारखंड में रहने वाला बिहार या दूसरे जगहों के लोग अपने को वहां का नहीं समङोंगे तो झारखंड का विकास नहीं हो सकता है. छोटे-छोटे मुद्दों पर ध्यान नहीं देना चाहिए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा सुझाये गये मुद्दों पर कहा कि कुछ मुद्दे हैं जिन पर काम नहीं हुआ है, उस पर सरकार की ओर से पहल किया जाये, सब सुलझा लिया जायेगा.

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