फसल क्षति से आत्महत्या करने को मजबूर किसान

पटना: भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने फसल क्षति की बीमा राशि 132 करोड़ रिलीज नहीं की है. इसका लाभ किसानों को नहीं मिला. उन्होंने कहा कि मौसम आधारित बीमा योजना का वर्ष 2011-12 में रबी फसल क्षति का 23 जिले के लिए 84 करोड़ बीमा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 17, 2015 6:07 AM
पटना: भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने फसल क्षति की बीमा राशि 132 करोड़ रिलीज नहीं की है. इसका लाभ किसानों को नहीं मिला. उन्होंने कहा कि मौसम आधारित बीमा योजना का वर्ष 2011-12 में रबी फसल क्षति का 23 जिले के लिए 84 करोड़ बीमा राशि सरकार ने रिलीज नहीं किया. इस तरह वर्ष 2012-13 में 13 जिले के लिए 48 करोड़ रिलीज नहीं हुआ. इस वजह से किसानों को फसल क्षति का लाभ नहीं मिला.

विधान परिषद स्थित कार्यालय कक्ष में उन्होंने कहा कि धान खरीद नहीं होने व फसल क्षति का किसानों को राहत के मुद्दे को लेकर रजनीश कुमार ने कार्य स्थगन प्रस्ताव लाया. राज्य में बेमौसम बारिश व ओला वृष्टि से फसल क्षति हुई है. फसल क्षति होने से किसान आत्मदाह करने का प्रयास कर रहे हैं. जहानाबाद में तैयार हवन कुंड में किसान ने कूद कर आत्मदाह करने का प्रयास किया.

राज्य सरकार को फसल क्षति होनेवाले किसान की अविलंब सूची तैयार कर उसे आपदा प्रबंधन कोष से अंतरिम राहत भुगतान कराने का काम करना चाहिए. बाद में पूरा आकलन कर उसे मुआवजा मिलना चाहिए. फसल क्षति के लिए अब 50 फीसदी की जगह 33 फीसदी नुकसान होने पर डेढ़ गुना मुआवजा मिलना है.

पहले केंद्र व राज्य की हिस्सेदारी 75 व 25 फीसदी थी. अब यह हिस्सेदारी 90 व 10 फीसदी हो गयी है. श्री मोदी ने कहा कि सरकार को तुरंत राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक कर सभी तरह के ऋण वसूली स्थगित करने का निदेश देने का काम करें. जो किसान चाहे, उसके ऋण को री- शिड्यूल किया जाये.

धान खरीदारी का काम ठप
मोदी ने कहा कि राज्य सरकार धान खरीदारी के लिए 15 अप्रैल तक समय बढ़ाने की मांग कर रहे थे. जब समय बढ़ाया गया तो धान की खरीदारी नहीं की गयी. किसान के पास लाखों टन पड़े धान का क्या होगा, जो खरीद नहीं की गयी है. पैक्स के पास भी धान पड़ा है. किसानों का बकाया भुगतान नहीं हो रहा है. सदन में रूलिंग पार्टी के द्वारा डिस्टर्ब किये जाने को आश्चर्यजनक बताया. उन्होंने कहा कि विपक्ष मुद्दे को उठा कर फिर प्रश्नोत्तर काल चलने देने की मंशा रखती है. लेकिन जदयू की सहयोगी दल कांग्रेस वेल में आ गयी.

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