थानेदार ने बिना सुने ही कहा जाने को
यह कैसी पुलिसिंग : महिला थाने में पहुंची पीड़िता, पुलिसकर्मियों ने नहीं लिया संज्ञान पटना : महिला थाने में शिकायतें न सुनने का आरोप लगाते हुए प्रतिदिन एसएसपी जितेंद्र राणा के पास पीड़िता पहुंचती है. वे एसएसपी को यह बताती है कि वह जब अपनी शिकायत को लेकर थाना गयी तो थानाध्यक्ष व अन्य पुलिसकर्मी […]
यह कैसी पुलिसिंग : महिला थाने में पहुंची पीड़िता, पुलिसकर्मियों ने नहीं लिया संज्ञान
पटना : महिला थाने में शिकायतें न सुनने का आरोप लगाते हुए प्रतिदिन एसएसपी जितेंद्र राणा के पास पीड़िता पहुंचती है. वे एसएसपी को यह बताती है कि वह जब अपनी शिकायत को लेकर थाना गयी तो थानाध्यक्ष व अन्य पुलिसकर्मी उनकी कुछ नहीं सुनते हैं. कार्रवाई तो दूर की बात, जाने तक के लिए कह दिया जाता है.
शुक्रवार को भी इसी तरह की एक शिकायत एसएसपी के पास पहुंची. एसएसपी ने महिला थाने की थानाध्यक्ष मृदुला सिन्हा व वहां तैनात अन्य पुलिसकर्मियों को एसएसपी कार्यालय तुरंत आने का निर्देश दिया. एसएसपी ने थानाध्यक्ष व पुलिसकर्मियों का जम कर क्लास लिया.
थाने में शिकायतें न सुनी जाने से नाराज दिखे एसएसपी
थानाध्यक्ष समेत सभी महिला पुलिसकर्मियों का लिया क्लास
आगे से लापरवाही नहीं करने की दी गयी चेतावनी
2011 में हुई है शादी, पति कर रहा प्रताड़ित
श्रीकृष्णापुरी के बोरिंग रोड की रहनेवाली महिला निधि मिश्र अपने पति व रांची के मेंटल अस्पताल में कार्यरत रंजीत मिश्र की शिकायत लेकर एसएसपी जितेंद्र राणा के पास पहुंची थी. अपनी शिकायत में निधि मिश्र ने बताया कि उसकी शादी 12 जून, 2011 को रंजीत मिश्र से हुई थी. शादी के बाद से ही उसका पति हमेशा मारपीट व बदतमीजी करता था. उसके पति का अपनी भाभी से संबंध है और इसी वजह से उसे प्रताड़ित किया जाता है. उसने यह भी बताया कि उसे पागल करार दिया जायेगा. जान का भय होने के कारण वह अपने मायके चली आयी है. उसने इसकी शिकायत पहले महिला थाने में की, पर शिकायत पूरी तरह बिना सुने ही उसे जाने के लिए कहा गया.
दस मिनट के अंदर थानाध्यक्ष को किया तलब
एसएसपी ने तुरंत ही महिला थानाध्यक्ष मृदुला सिन्हा को फोन कर दस मिनट के अंदर ही अपने तमाम कर्मियों के साथ कार्यालय आने का निर्देश दिया. एसएसपी के निर्देश के बाद आनन-फानन में महिला थाने के तमाम पुलिसकर्मी एसएसपी कार्यालय पहुंचे. वहां एसएसपी ने उनसे पूछा कि हमेशा इसी तरह की शिकायत उनके पास कैसे आती है कि महिला थाने में शिकायत नहीं सुनी जाती है. थानाध्यक्ष ने पक्ष रखा, पर एसएसपी ने स्पष्ट कर दिया कि फिर से इस तरह की शिकायत आयी, तो कार्रवाई तय है.