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डॉ एके अग्रवाल (पीएमसीएच )

डॉ एके अग्रवाल (पीएमसीएच ) : मिरगी को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी है. जब बीमार डॉक्टर के पास जाता है, तो वह बीमारी के बारे में ठीक से बता नहीं पाता है. परिजन भी ठीक से जानकारी नहीं दे पाते हैं. ऐसे में इलाज मुश्किल होता है. अगर कभी किसी को मिरगी आये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 19, 2015 10:04 PM

डॉ एके अग्रवाल (पीएमसीएच ) : मिरगी को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी है. जब बीमार डॉक्टर के पास जाता है, तो वह बीमारी के बारे में ठीक से बता नहीं पाता है. परिजन भी ठीक से जानकारी नहीं दे पाते हैं. ऐसे में इलाज मुश्किल होता है. अगर कभी किसी को मिरगी आये और संभव हो तो वीडियो तैयार कर लें. इससे डॉक्टरों को इलाज में मदद मिलेगी. बीमारी में ध्यान देनेवाली बात यह है कि अगर मिरगी है और उस समय मरीज की आंख खुली है, तो यह बहुत कम देर के लिए होगा. इसके बाद मरीज ठीक से उठ कर खड़ा हो जायेगा. इसलिए मरीज को जूता-चप्पल नहीं सुंघाएं. कई बार बच्चे स्कूल में लाइन में खड़े-खड़े गिर जाते हैं और अभिभावक को लगता है कि कहीं मेरा बच्चा मिरगी का शिकार तो नहीं हो गया हैं,लेकिन इसे मिरगी नहीं सेंकोस कहते हैं,जो रक्त के बहाव से होता है. जहां तक मिरगी की बात है अगर इस बीमारी का उपचार सही डॉक्टर की देख-रेख में किया जाये,तो बीमारी बिल्कुल ठीक होगी.

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