शराब-ताड़ी का धंधा छोड़ने वाले 40 हजार परिवारों को मिलेगा रोजगार

बिहार में शराबबंदी के बाद इस धंधे से जुड़े लोगों की जीविका प्रभावित हुई है. इन परिवारों की आजीविका के लिए राज्य सरकार ने पहल की है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 4, 2024 1:16 AM

दो पशुओं के शेड के लिए एक लाख और चार पशुओं के लिए डेढ़ लाख रुपये मिलेंगे संवाददाता, पटना बिहार में शराबबंदी के बाद इस धंधे से जुड़े लोगों की जीविका प्रभावित हुई है. इन परिवारों की आजीविका के लिए राज्य सरकार ने पहल की है. राज्य के कुल 40992 परिवारों को रोजगार से जोड़ा जायेगा. इनको सरकार पशु शेड का निर्माण कराकर देगी. इसमें पशुपालन कर वे अपनी जीविका चला सकेंगे. सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत इन परिवारों को इसका लाभ मिलेगा. इन परिवारों को प्रथम प्राथमिकता वाले परिवारों की सूची में रखा है. दो पशुओं के शेड निर्माण के लिए एक लाख व चार पशुओं के शेड निर्माण पर डेढ़ लाख रुपये मिलेंगे. कटिहार, मधुबनी, गया, समस्तीपुर में सबसे अधिक लाभुक सात जिलों में सबसे अधिक परिवार इस योजना के लिए चिह्नित किये गये हैं. कटिहार में 2218, मधुबनी में 2214, गया में 2205 प्रथम प्राथमिकता वाले परिवारों को पशु शेड का लाभ मिलेगा. समस्तीपुर में 1740, मधेपुरा में 1701, पूर्वी चंपारण में 1526, मुजफ्फरपुर में 1582 परिवार चिह्नित किये गये हैं. भागलपुर में 1159, मुंगेर में 1499, दरभंगा में 1593, रोहतास में 1569, बेगूसराय में 1229, बक्सर में 1092, सीतामढ़ी में 1396, औरंगाबाद में 1148, बांका में 1180 परिवार इस योजना के लिए चिह्नित किये गये हैं. किशनगंज में सिर्फ 156 परिवार की जीविका बाधित किशनगंज में 156, पूर्णिया में 668, खगड़िया में 779, पश्चिम चंपारण में 554, जमुई में 696 परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा. कैमूर में 655, सुपौल में 634, नालंदा में 944, गोपालगंज में 880, जहानाबाद में 616, सीवान में 830, लखीसराय में 731, नवादा में 607 परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा. भोजपुर में 869, अररिया में 646, शेखपुरा में 353, अरवल में 653, पटना में 879, शिवहर में 506, सारण में 728 परिवार चिह्नित किये गये हैं. इस योजना का लाभ देने के लिए कुल 73 हजार 160 परिवारों को चिह्नित किया गया है. इन 73 हजार परिवारों में प्रथम प्राथमिकता वाले परिवारों की संख्या 40 हजार है. ग्रामीण विकास विभाग को जिलों से भेजी गयी रिपोर्ट के अनुसार, इनमें 53372 परिवारों के पास ही भूमि उपलब्ध हैं. शेष लाभुकों के पास पशु शेड निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध नहीं है.

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