निगम शुक्रवार को संतोषा मामले में कोर्ट में जमा करेगा प्रतिवेदन

संवाददाता, पटना राजधानी के बंदर बगीचा स्थित संतोषा कॉम्प्लेक्स के अवैध हिस्सा तोड़ने के मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. फ्लैट मालिक ने कोर्ट को बताया था कि निगम प्रशासन द्वारा कॉम्प्लेक्स की गलत नापी की गयी है. इसको लेकर कोर्ट ने जस्टिस एसएन झा को सही नापी की जिम्मेवारी दी और जस्टिस झा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 21, 2015 10:04 PM

संवाददाता, पटना राजधानी के बंदर बगीचा स्थित संतोषा कॉम्प्लेक्स के अवैध हिस्सा तोड़ने के मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. फ्लैट मालिक ने कोर्ट को बताया था कि निगम प्रशासन द्वारा कॉम्प्लेक्स की गलत नापी की गयी है. इसको लेकर कोर्ट ने जस्टिस एसएन झा को सही नापी की जिम्मेवारी दी और जस्टिस झा ने अपनी नापी रिपोर्ट कोर्ट को उपलब्ध करा दी है. अवैध हिस्से को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. इस पर कोर्ट ने दुबारा निगम प्रशासन से शुक्रवार को प्रतिवेदन जमा करने का निर्देश दिया है. कोर्ट के निर्देश के आलोक में निगम प्रशासन द्वारा प्रतिवेदन तैयार कर लिया गया है. इसमें जस्टिस झा द्वारा की गयी अनुशंसा पर सवाल उठाया है. प्रतिवेदन में कहा गया है कि जस्टिस झा ने जिस फ्लोर को मेजनाइज के रूप में चिह्नित किया है, वह मेजनाइज फ्लोर है ही नहीं. बिल्डिंग बाइलॉज में मेजनाइज का स्पष्ट प्रावधान है, जो बिल्डिंग में नहीं है. मेजनाइज फ्लोर पर रेस्टोरेंट चल रहा है और किचन भी है. इसके साथ ही ऊपर के एक फ्लोर को जुर्माना लेकर समझौता करने की भी अनुशंसा की है, जिसमें निगम प्रशासन को आपत्ति है. इस पर नगर आयुक्त जय सिंह ने कहा कि संतोषा का मामला वर्ष 2000 से चल रहा है और तत्कालीन पीआरडीए के कोर्ट, ट्रिब्यूनल और हाइकोर्ट ने स्पष्ट फैसला सुनाया, लेकिन बिल्डर ने हमेशा गुमराह किया है. इससे बिल्डर माफ करने योग्य नहीं है. निगम भी अपना पक्ष कोर्ट को उपलब्ध करायेगा, इसके लिए प्रतिवेदन तैयार कर लिया गया है.

Next Article

Exit mobile version