आइसीएमआर की टीम पीएमसीएच पहुंची, जेइ व एइएस को लेकर अलर्ट

पटना: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद, दिल्ली की तीन सदस्यीय टीम गुरुवार की सुबह पीएमसीएच निरीक्षण के लिए पहुंची. टीम में शामिल डॉ गड़गड़ी, डॉ यूसी चतुर्वेदी एवं डॉ सेलवम ने पांच घंटे तक माइक्रोबायोलॉजी विभाग में बननेवाले वायरोलॉजी रिसर्च सेंटर का निरीक्षण किया और डॉक्टरों से कहा कि जेइ व एइएस का समय आ गया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 24, 2015 6:26 AM
पटना: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद, दिल्ली की तीन सदस्यीय टीम गुरुवार की सुबह पीएमसीएच निरीक्षण के लिए पहुंची. टीम में शामिल डॉ गड़गड़ी, डॉ यूसी चतुर्वेदी एवं डॉ सेलवम ने पांच घंटे तक माइक्रोबायोलॉजी विभाग में बननेवाले वायरोलॉजी रिसर्च सेंटर का निरीक्षण किया और डॉक्टरों से कहा कि जेइ व एइएस का समय आ गया है, आप लोग तैयार रहें.

इसके बाद टीम प्राचार्य डॉ एसएन सिन्हा के कक्ष में पहुंची, जहां पहले से न्यूरोलॉजी मेडिसिन व शिशु विभाग के एचओडी मौजूद थे. आइसीएमआर की टीम ने प्राचार्य को एक फॉर्मेट दिया है. इसको हर सैंपल के साथ डॉक्टरों को भरना अनिवार्य होगा. फॉर्म में बीमारी के लक्षण, जांच से जुड़ी जानकारी भरनी है.

इसके अलावा एक्सपर्ट ने लोगों को दूसरे जिलों से पटना तक सैंपल लाने के टिप्स दिये. उन्हें बताया गया कि यह बीमारी पटना में नहीं है और वहां से मरीज को यहां लाकर जांच कराना उचित नहीं होगा. ऐसे में सैंपल लाने की व्यवस्था करना ज्यादा ठीक रहेगा. इसको लेकर शिशु विभाग के एचओडी डॉ नीलम वर्मा ने कहा कि जो बच्चे यहां आयेंगे, उनकी रीढ़ के पानी व खून की जांच की जायेगी. इलाज की शुरुआत में जेइ के लक्षण की भी जांच होगी, क्योंकि एइएस का वायरस क्या है, इसकी पुष्टि अब तक नहीं हो पायी है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की योजना के मुताबिक सभी मेडिकल कॉलेजों व पीएचसी तक इस बीमारी को लेकर डॉक्टरों को अलर्ट जारी किया गया है और इसके लक्षण दिखते ही इलाज शुरू कर देना है.

फिलहाल सैंपल के यहां लाने को लेकर विभाग तैयारी कर रहा है. इसके लिए एक्सपर्ट की पूरी टीम लगी हुई हैं. डॉ वर्मा ने बताया कि जेइ, डेंगू और टाइफस की जांच करानी होगी. इन तीनों बीमारियों में लक्षण एक जैसा लगता है.

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