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बिहार : मौसम विभाग लाचार, 25-26 को फिर तूफान की आशंका
बिहार के 12 जिलों में तूफान ने भयानक तबाही मचायी, लेकिन एक कड़वा सच यह है कि इसे रोक पाना हमारे बूते की बात नहीं है. पटना के मौसम विभाग को आपदा की सूचना देनेवाला एक डॉप्लर रडार तो है लेकिन इसकी क्षमता केवल 200 किमी तक की ही है. सीमांचल में एक रडार रहता, […]
बिहार के 12 जिलों में तूफान ने भयानक तबाही मचायी, लेकिन एक कड़वा सच यह है कि इसे रोक पाना हमारे बूते की बात नहीं है. पटना के मौसम विभाग को आपदा की सूचना देनेवाला एक डॉप्लर रडार तो है लेकिन इसकी क्षमता केवल 200 किमी तक की ही है. सीमांचल में एक रडार रहता, तो लोगों की जान बच सकती थी.
पटना: आपदा पूर्वानुमान की तकनीकी कमजोरी सीमांचल क्षेत्र के लोगों पर भारी पड़ी. पटना में मौसम विभाग के पास केवल एक डॉप्लर रडार है जिसकी क्षमता पूर्णिया तक पहुंचने की नहीं है. साथ ही कोलकाता के डॉप्लर रडार की क्षमता भी पूर्णिया तक पहुंचने की नहीं है. पूर्णिया में भी किसी आपदा की सूचना देनेवाला तंत्र ही नहीं है. मौसम विज्ञान विभाग का भी कहना है कि पटना स्थित रडार की क्षमता दो सौ किमी से अधिक की नहीं है.ऐसे में वह पूर्णिया या 200 किमी दूर वाली जगहों पर किसी तूफान या तत्काल घटने वाली आपदा की जानकारी नहीं दे सकता है. केंद्र सरकार के निर्देशन में काम करने वाला मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक एके सेन ने भी माना कि आपदा की सूचना देने में विफलता के लिए डॉप्लर रडार की क्षमता ही जिम्मेदार है. आपदा विभाग ने तूफान से 54 लोगों की मौत होने की पुष्टि की है.
दरभंगा की सूचना दी थी, वह भी अधूरी : दरभंगा में तूफान की सूचना देने की बात पर मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक श्री सेन ने कहा वे 21 अप्रैल को ही अलर्ट जारी कर चुके थे. विभाग ने आपदा प्रबंधन विभाग को 50-60 किलोमीटर की गति वाले तूफान की जानकारी दी थी. सेन ने स्वीकार किया कि हमने 50-60 किलोमीटर की गति वाली तूफान की सूचना दी थी, पर वह 80 से एक सौ किलोमीटर की गति वाला स्थानीय तूफान था. आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने कहा कि उन्हें 50-60 किलोमीटर की गति की सूचना मिली थी. इससे इतनी बड़ी तबाही की आशंका नहीं होती है.
चार घंटे तक तबाही मचाती है काल वैशाखी : मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक एके सेन ने कहा कि दरभंगा या पूर्णिया में तूफान जिसे काल वैशाखी के नाम से जाना जाता है, इसका पूर्वानुमान अधिकतम तीन घंटे पूर्व ही मिल पाता है. इतने कम समय में किसी विभाग को मौसम विज्ञान विभाग द्वारा सूचना देना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि पत्र के माध्यम से आपदा प्रबंधन विभाग समेत सभी संबंधित विभाग को कह दिया गया है कि वे मौसम विज्ञान विभाग की वेबसाइट देखते रहें. इसके लिए मौसम विज्ञान विभाग प्रति 20 मिनट की अवधि में बादल या अन्य परिवर्तन की तसवीर वेबसाइट पर अपडेट करता रहता है.
कैसे बनता है तूफान?
बिहार में काल वैशाखी, राजस्थान और दिल्ली में आंधी के नाम से चर्चित तूफान चक्रवाती नहीं है. इसका उद्भव कहीं समुद्र या दूसरी जगहों से नहीं होता है. श्री सेन ने कहा कि यह स्थानीय स्तर पर ही बनता है और चार घंटे के अंदर तबाही मचाकर खत्म हो जाता है. उन्होंने बताया कि दिन में तेज धूप के कारण कम दबाव का क्षेत्र बनता है. इसके कारण जमीन से दस किमी ऊपर तक बादल बनता है. बादल के अंदर हवा रहने के कारण यह ऊपर उठता है. शाम होने पर धरती पर ठंडा होने के कारण बादल नीचे आने लगता है. कहीं कहीं तो बादल जमीन तक आ जाता है, जैसा कि पूर्णिया में हुआ.
पटना ही नहीं कोलकाता के रडार में नहीं आता है सीमांचल का क्षेत्र
सीमांचल और नेपाल की तराई का इलाका न तो पटना के डॉप्लर रडार में आता है और न ही कोलकाता के रडार में आता है. ऐसे में इन क्षेत्रों में काल वैशाखी जैसी स्थानीय स्तर पर होने वाले प्राकृतिक उपद्रव की सूचना नहीं मिल पाती है. आपदा प्रबंधन विभाग के साथ मौसम विज्ञान विभाग की नियमित बैठक में इस पर बातें हुई थीं. मौसम विज्ञान विभाग को सीमांचल के जिलों में डॉप्लर रडार लगाने का अनुरोध किया था. पर, यह लिखित अनुरोध नहीं था.दरअसल डॉप्लर रडार लगाना केंद्र सरकार के मौसम विज्ञान विभाग का है. उसे ही तय करना है कि पूरा इलाका रडार के तहत रहे.
जलपाइगुड़ी में स्थापित होगा डॉप्लर , मिलेगी सूचना
मौसम विभाग के वैज्ञानिक एके सेन कहा कि सीमांचल और नेपाल की तराई वाले इलाके की सूचना के लिए जलपाईगुड़ी में एक डॉप्लर रडार स्थापित करने का निर्णय किया गया है. इसके स्थापित होते ही प्राकृतिक हलचल की सूचना मिलने लगेगी. उन्होंने कहा कि जल्द ही इसकी स्थापना की जायेगी.
बॉक्स:- कौन से शहर हैं 200 किमी से ज्यादा दूर?
– पूर्णिया
– मधेपुरा
– अररिया
– सुपौल
– कटिहार
– किशनगंज
– रक्सौल
– बेतिया
– बगहा
फिर लौट सकता है तूफान
पटना. उत्तरी बंगाल क्षेत्र में फिर से हवा का कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है. यह स्थिति बनी रही तो 25-26 अप्रैल को पूर्णिया, कटिहार और भागलपुर समेत पड़ोसी जिलों में तूफानी हवाओं के साथ तेज बारिश होगी ओले गिरेंगे. इसकी गति मंगलवार के तूफान से आधी होगी.
गृह मंत्री का हवाई सर्वेक्षण आज, नीतीश भी रहेंगे साथ
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को राज्य के दस जिलों में तूफान और ओला वृष्टि से हुई तबाही का सर्वेक्षण करेंगे. उनके साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी होंगे. यह जानकारी आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने दी. उन्होंने कहा कि गृह मंत्री 11 बजे हवाई सर्वेक्षण के लिए पटना से प्रस्थान करेंगे. वे चार बजे पटना लौटेंगे और पटना से दिल्ली के लिए रवाना होंगे. सर्वेक्षण के चलते मुख्यमंत्री ने पूर्व निर्धारित दिल्ली जाने के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है.
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